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कुरान और इस्लाम की असलियत, कुरान में क्या लिखा है, कुरान में कितनी आयत है, कुरान में हिंदुओं के लिए क्या लिखा है, कुरान की पहली आयत इन हिंदी, कुरान की आयत, कुरान का इतिहास, कुरान शरीफ हिंदी में पढ़ना है, कुरान में महिलाओं की स्थिति, कुरान सूरा 33 की आयत 37 और 50 में ऐसा क्या लिखा है, कुरान में क्या लिखा हुआ है, कुरान का लेखक कौन है,  

कुरान और इस्लाम की असलियत, कुरान और इस्लाम का भंडाफोड़, कुरान और इस्लाम, कुरान का उद्देश्य क्या है, कुरान शरीफ में कुल कितनी आयतें हैं,  क्या कुरान आसमानी किताब है, कुरान में काफिरों के लिए क्या लिखा है,  कुरान के अनुसार काफिर कौन है,  इस्लाम धर्म ग्रंथ कुरान शरीफ क्या संदेश देता है, कुरान के अनुसार धरती कैसे बनी,  कुरान की पहली आयत कौन सी है, कुरान कब नाजिल हुआ था।इन सब सवालों के जवाब में जानेंगे।

सबसे पहले  कुरान नहीं होता है असल नाम कुरआन है, जो करआ से शब्द से बना है जिसका मतलब पढ़ना या पढ़ने वाला।

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लोग अक्सर सवाल करते नज़र आते हैं गैर मुस्लिम कि आप ने कुरआन पढ़ा है जब जवाब में हां कहता हूं तो कहते हैं कि ऐसी किताब पढ़ने का क्या फायदा जिसमें हमें गाली गलौज दिया गया है आपके कुरआन में ।

जब हम पूंछते है कि कहां पर आपको गाली दिया गया है जरा बताइए जवाब में कहा जाता है कि आप का कुरआन हमें काफिर कहता है।

आपके जवाब को सुन कर मैं दंग रह जाता हूं।और हंसी भी आती है।

इस्लाम के अनुसार दुनिया का पालनहार मालिक एक जात है जिसे मुस्लिम अल्लाह के नाम से पुकारते हैं।

और इस्लाम के अनुसार एक से अधिक ख़ुदाओं का मानने वाले इस्लाम के अनुसार काफिर हैं। 

दुनिया का पालनहार मालिक एक है उससे ज्यादा और ख़ुदाओं का मानना इस्लाम के अनुसार वे कुफ्र करते हैं जो एक खुदा से ज्यादा खुदा को मानते हैं और कुफ्र का बहुवचन काफिर है।

और कुफ्र इस्लाम धर्म के अनुसार एक से अधिक ख़ुदाओं का मानना कुफ्र कहलाता है ।

और काफिर को इंग्लिश में नान मुस्लिम कहते हैं।

नान मुस्लिम से मतलब जो मुस्लिम नहीं है एक खुदा से ज्यादा ख़ुदाओं की इबादत करें। 

वो नान मुस्लिम है अब काफिर शब्द अर्बी भाषा का है जिसे सुनकर लोगों को गुस्सा आता है की और सोंचते है कि हमारे लिए गाली है जबकी यही शब्द इंग्लिश में सुनते हैं तो कोई गुस्सा नहीं आता है ना ही गाली समझी जाती है इस शब्द को।

अगर मै किसी से सवाल करूं की

 क्या आप मुस्लिम हो

Are you Muslim

और जवाब में सामने वाला आदमी यह कहे कि

नहीं मैं मुस्लिम नहीं हूं।

No I am not Muslim.

या यूं कहें कि

No I am non Muslim.

यह कोई गाली नहीं है मेरे दोस्तो।बाकी सबकी अपनी-अपनी समझ जो समझ पाये तो ठीक वरना अरबी डिक्शनरी निकाल कर पढ़ सकते हैं।

कुरान का उद्देश्य क्या है ? 

कुरान दरअसल एक ऐसा ग्रंथ है जिसमें अल्लाह ने मनुष्यों के लिए पवित्र संदेश लिखे है । कुरान के उतरने का एक मकसद था , उस समय के लोगों में शांति और सौहार्द लाना , कुरान के संदेशों के बाद काफी अनपढ़ लोग सभ्य हो गए थे । कुरान दरअसल जीवन व्यापन करने का तरीका है , सिर्फ एक पुस्तक नहीं है - ऐसा मुस्लिम मानते हैं ।और ये सारी इन्सानियत की फलाह और बहूद का मार्गदर्शन है इस कुरान में।

क्या कहता है कुरान हिन्दुओं के बारे में ? 

इन्होने कुरान पढ़ा तो इनका मन वितृष्णा से भर गया और उसे उठा कर फेंक दिया । सम्पूर्ण कुरआन में हिन्दू अथवा हिंदुत्व का कहीं वर्णन नहीं है . और ये भी स्पष्ट है हिन्दू के साथ साथ सिख , बौध आदि किसी धर्म अथवा सम्प्रदाय का वर्णन भी कुरआन में नहीं है इसमें नसारा और बनी इसराईल कौमे हूद और क़ौम ए नूह और जितने पैगम्बर और उनके कौमों के बारे में वर्णन है।

कुरान शरीफ में कुल कितनी आयतें हैं ? 

 इस्लाम के धार्मिक ग्रन्थ कुरआन की सबसे छोटी ईकाई को आयत कहते हैं । कुरआन के हर अध्याय का नाम सूरह होता है और हर सूरह में बहुत सी आयत होती हैं । अलग सूरह अलग लम्बाई के हैं और इनमें 3 से लेकर 286 आयत हैं । पूरे कुरआन में कुल मिलकर 6,666 आयत हैं ।और 114 सूरह है।

क्या कुरान आसमानी किताब है ? 

इस्लाम में , कुरआन में चर्चित चार किताबों को आसमानी किताबें माना जाता है । वे तौरात ( जो मूसा पर प्रकट हुई ) , ज़बूर ( जो दाउद पर प्रकट हुई ) , इंजील ( जो ईसा मसीह पर प्रकट हुई ) और कुरआन जो हज़रत मोहम्मद स्वलल्लाहो अलैहि वसल्लम पर प्रकट हुई।

कुरान में काफिरों के लिए क्या लिखा है ? 

कुरान में लिखा है मूर्तीपूजक नापाक है- कुरान सूरा 9 आयत 28 में लिखा है ' हे ईमान वालों ( मुसलमानों ) मुशरिक ( मूर्ती पूजक ) नापाक है । 

कुरान के अनुसार काफिर कौन है ? 

 काफिर का मतलब है जो एक से अधिक ख़ुदाओं का मनने वाला है उसे काफिर कहा गया है। कोई भी व्यक्ति चाहे कितना ही महानीच , व्याभिचारी , घटिया क्यों न हो यदि वह मोहम्मद स्वलल्लाहो अलैहि वसल्लम को रसूल मानेगा , फरिश्तों - नबियों, मरने के बाद दोबारा जिन्दा होने पर विश्वास रखेगा , नमाज़ - कल्मा पढ़ेगा , कुरान को मानेगा , आखिरत पर विश्वास रखेगा तो वो जन्नत में ही दाखिल होगा और मुसलमान कहलायेगा लेकिन इसके इलावा वह काफिर ही कहलायेगा ।

इस्लाम धर्म ग्रंथ कुरान शरीफ क्या संदेश देता है ?

 कुरआन ने युध्द , शांति , राज्य संचालन इबादत , परिवार के वे आदर्श प्रस्तुत किए जिसका मानव समाज में आज प्रभाव है । मुसलमानों के अनुसार कुरआन में दिए गए ज्ञान से ये साबित होता है कि हज़रत मुहम्मद एक इस्लामी पैग़म्बर नबी है । उसमें जिन्दगी कैसी गुजारें उसका वर्णन किया गया है।

कुरान के अनुसार धरती कैसे बनी ? 

कुरान के अनुसार धरती आकाश इस सारी कायनात को सिर्फ एक शब्द कुन कहकर वजूद में ला दिया यानी हो जा और हो गये।

कुरान की पहली आयत कौन सी है ?

 इस कुरान की खासियत यह है कि इसकी शुरूआत पवित्र कुरान की सबसे पहली आयात ( इकरा बिस्मि रब्बिकल लजी खलक ) से शुरू होती है . जिसका अर्थ है पढ़ो अपने मालिक नाम पर जो सारी दुनिया का पालनहार है।

कुरान कब नाजिल हुआ था ? 

रमजान की 21 वीं शब को ही हजूर पैगम्बरे इस्लाम रसुलल्लाह पर कुरान शरीफ नाजिल हुई । जो की पहली आयत नाजिल हुयी इस पूरे कुरआन को 23 साल 4 महीने और 7 दिन लगे पूरे कुरआन को नाजिल होने जैसे जिस आयत की जरूरत होती थी वैसे वैसे नाजिल हुई ।

दुनिया में कितने प्रकार की कुरान है ? 

दुनिया में सिर्फ एक (1) प्रकार की कुरान है।जो कि अर्बी भाषा में है फिर लोगों ने अपने अपने देश और भाषा के हिसाब से अनुवाद किया गया आज लगभग 290 भाषा में कुरआन का अनुवाद मिलता है जैसे, हिन्दी, उर्दू, अंग्रेजी,तेलगू, तमिल, भोजपुरी,फारसी,फ्रेंच,जाइनीज,जापानीज,रूसी, दुनिया के ज्यादातर भाषा में अनुवाद मिलता है। हिंदी उर्दू मे जो सबसे ज्यादा प्रचलित देश विदेश में ज्यादातर हिन्दी उर्दू अंग्रेजी अनुवादक कुरआन का नाम कन्जुल ईमान है।जिसे सबसे ज्यादा पढा जाता है।

कुरान सूरा 33 की आयत 37 और 50 में ऐसा क्या लिखा है ? 

और यदि तुम उनके बापों को न जानते हो , तो धर्म में वे तुम्हारे भाई तो हैं ही और तुम्हारे सहचर भी । इस सिलसिले में तुमसे जो ग़लती हुई हो उसमें तुमपर कोई गुनाह नहीं , किन्तु जिसका संकल्प तुम्हारे दिलों ने कर लिया , उसकी बात और है । वास्तव में अल्लाह अत्यन्त क्षमाशील , दयावान है । 

कुरान और हदीस में क्या अंतर है ? 

 कुरान अल्लाह की किताब है यानी क़ुरान का हर लफ्ज़ अल्लाह का कथन है , और हदीसें नबी हज़रत मोहम्मद स्वलल्लाहो अलैहि वसल्लम के कथन है । मुसलमान कुरआन और हदीस दोनों को महत्व देते है , कुरआन का हुक्म अल्लाह का हुक्म है , जिसका पालन करना फ़र्ज़ और वाजिब होता है । और हदीसों का हुक्म नबियों का हुक्म है , हदीसों का पालन करना सुन्नत और नफ़्ल होता है ।

कुरान के लेखक कौन हैं ? 

कुरान इस्लाम धर्म की एक पवित्र किताब है । इस्लाम धर्म के लोग ये मानते है की अल्लाह की भेजी गयी गयी पवित्र किताब है । अल्लाह के फरिश्ते जिब्रील अलैहिस सलाम ने इसे हजरत मुहम्मद को सुनाया था और मुहम्मद ने कुरान को लिखने और याद करने का हुक्म दिया करते थे ।आज भी अरबों खरबों लोग इसे याद करते रहते हैं। 

मुसलमानों का ग्रंथ क्या है ? 

मुसलमान मानते हैं कि क़ुरआन ही अल्लाह की भेजी अन्तिम और सर्वोच्च किताब है । यह ग्रन्थ लगभग 1440 साल पहले अवतरण हुई है । क़ुरआन इस्लाम की पवित्रतम किताब है और इसकी नींव है । मुसलमान मानते हैं कि इसे अल्लाह ने फ़रिश्ते आला द्वारा हज़रत मुहम्मद को सुनाया था ।

काफिर मतलब क्या होता है ?

 काफिर अरबी शब्द है ( काफिर ) बहुवचन है कुफ्फार ) इस्लाम में अरबी भाषा का बहुत विवादित शब्द है जिसका शाब्दिक अर्थ - " अस्वीकार करने वाला " या " ढ़कने वाला " होता है । इस शब्द को अपमान सूचक माना जाने लगा है ; इसी लिये कुछ मुस्लिम इसके स्थान पर " गैर - मुस्लिम " शब्द का प्रयोग करने की सलाह देते हैं ।

क्या हिन्दू काफिर है ?

खासतौर से भारत में यह समझा जाता है कि जो हिंदू है , वह निश्चित रूप से काफिर है अथवा जो मुस्लिम नहीं है , उसका नाम काफिर है । कि मुसलमानों की नजर में वे काफिर हैं और कई मुसलमान भी इस गलतफहमी के शिकार हैं कि जो उनके धर्म को नहीं मानता , वह काफिर है । बल्कि हकीकत यह है इस्लाम के मुताबिक जो एक से अधिक ख़ुदाओं का मानने वाले को कफिर कहा गया है।

दुनिया में सबसे तेजी से फैलने वाला धर्म कौन सा है ?

 इस्लाम दूसरा सबसे बड़ा ( ईसाई धर्म के बाद ) और यूरोप में सबसे तेजी से बढ़ता धर्म है ।

इस्लाम कैसे कबूल किया जाता है ? 

इस्लाम धर्म की सुन्दरता और उस की अच्छाईयों में से यह तथ्य है कि इस में एक व्यक्ति और उस के परमेश्वर के बीच संबंध में कोई मध्यस्थ नहीं है। 


तथा इस धर्म की सुन्दरता और अच्छाईयों में से यह भी है कि इस में प्रवेष करने के लिए किसी व्यक्ति के सामने किसी कार्रवाई या प्रक्रिया की ज़रूरत नहीं होती है और न ही कुछ विशिष्ट लोगों की सहमति की आवश्यकता होती है, बल्कि इस्लाम में प्रवेश करना बहुत आसान है और किसी भी इंसान के लिए ऐसा करना सम्भव है चाहे वह किसी जंगल (मरूस्थल) या बन्द कमरे में अकेला ही क्यों न हो। इस के लिए पूरी प्रक्रिया मात्र दो सुन्दर वाक्य का कहना है 


जो दोनों इस्लाम के सम्पूर्ण अर्थ को शामिल हैं, इंसान के अपने पालनहार की दासता और बन्दगी के इक़रार, उस के सामने अपने आप को समर्पित करने और इस बात को स्वीकारने पर आधारित हैं कि वही (अल्लाह) उस का पूज्य, उस का स्वामी, और उस के बारे में जो चाहे फैसला करने वाला है, 


और यह कि मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम अल्लाह के बन्दे (उपासक, दास) और पैगंबर हैं जिन की उन चीज़ों में पैरवी करना अनिवार्य है जिस की उन के परमेश्वर ने उनकी तरफ प्रकाशना की है, 


और आप का आज्ञा पालन सर्वशक्तिमान अल्लाह के आज्ञापालन में दाखिल है।जिस व्यक्ति ने इन दोनों शहादतों (अर्थात "ला इलाहा इल्लल्लाह" की शहादत और "मुहम्मदुर्रसूलुल्लाह" की शहादत) को उन पर यक़ीन और विश्वास रखते हुये अपनी ज़ुबान से अदा कर दिया तो वह मुसलमान और मुसलमानों के अफ्राद में से एक फर्द हो गया, उस के लिए वे सभी अधिकार हैं 


जो मुसलमानों के लिए हैं, और उस के ऊपर वे सभी कर्तव्य अनिवार्य हैं जो अन्य मुसलमानों पर हैं।




इस के तुरन्त बाद वह उन धार्मिक कर्तव्यों का पालन शुरू कर दे जिन्हें अल्लाह तआला ने उस के ऊपर अनिवार्य कर दिया है जैसे कि पाँच दैनिक नमाज़ें उन के ठीक समय पदर अदा करना, रमज़ान के महीने में रोज़े रखना और इन के अलावा अन्य कर्तव्यों का पालन करना। इस से, ऐ बुद्धिमान प्रश्नकर्ता! आप के लिए स्पष्ट हो जाता है कि आप तुरन्त मुसलमान हो सकती हैं, अत: आप उठें और स्नान करें, फिर यह वाक्य कहें : "अश्हदो अन् ला इलाहा इल्लल्लाह व अश्हदो अन्ना मुहम्मदन अब्दुहू व रसूलुह" (मैं गवाही देता हूँ कि अल्लाह के सिवा कोई सत्य पूज्य नहीं और मैं गवाही देता हूँ कि मुहम्मद उस के दास (उपासक) और सन्देष्टा हैं।)


अल्लाह तआला आप को हर भलाई की तौफीक़ दे, आप के क़दम को शुद्ध मार्ग पर क़ायम रखे और आप को लोक और परलोक में कल्याण और सौभाग्य प्रदान करे, तथा सहीह मार्गदर्शन का पालन करने वाले पर शान्ति अवतरित हो।


इस्लाम क़बूल करने का सबसे आसान और बेहतर तारिका ये है की

 1.शहादत देना मतलब गवाही देना ।


 2. जैसे ही आप को लगे की मैं इस्लाम कबूल करना चाहता हूं फौरन ये कलमा दिल से पढे ।


 3. ला इलाहा इल्लल्लाहु मुहम्मदुर रसूलल्लाह पढ़ कर ईमान लाना ।


 4.उसका मतलब जानना की कलमा या शहादत का क्या मतलब होता है ।


 उसका मतलब होता है की मैं अल्लाह को एक मानता हूं और हज़रत मोहम्मद स्वल्लाहो अलैही वसल्लम अल्लाह के रसूल और उसके बंदे हैं ।


 5. या मुस्लिम लोगों के सामने कलमा पढना यानि ऐलान करना ज्यादा बेहतर है ताकी वो गवाही दे सकें की ये हमारे सामने कलमा यानि शहादत दिया है या दी है ।


 6. बाद में किसी भी आलिम ए दीन के सामने कलमा पढे ।


 7. इस्लाम क़बूल करना कोई मुश्किल काम नहीं है बस में इनमें से कोई एक स्टेप को फॉलो करना इनमें से कोई भी एक स्टेप करने से इस्लाम क़बूल हो जाएगा वलाहू आलम बिस्साब ।

क्या कुरान के अनुसार धरती चपटी है ? , 

शुरुवात से इस्लाम भी धरती के आकर को लेकर इस पेशोपेश में नहीं है , क़ुरान में धरती का गोल होना ही है।इस पर मुस्लिम सहमत है।

अल्लाह कौन है कहां से आया ? 

अल्लाह शब्द अरबी भाषा के दो शब्दों अल - इलाह से मिलकर बना है । अल शब्द को वैसे ही इस्तेमाल करते हैं जैसे अंग्रेज़ी का शब्द ' The ' . इलाह का मतलब होता है God / ख़ुदा / ईष्ट / भगवान / प्रभु । अल्लाह शब्द एक सृजनकर्ता या पालनहार के लिए इस्तेमाल होता था । और वो शुरू से अंत तक है।

गाय के बारे में हदीस क्या कहता है ? 

एक और हदीस में फ़रमाया है- “ इसमें ( गाय के दूध में ) पानी मिला लिया करो " . तिबरानी की एक हदीस कहती है- " गाय के दूध में शिफा है , इसका मक्खन दवा है , इसका गोश्त बीमारी है . ” अबू नईम मुस्तदरक अल हाकीम में एक हदीस है- " तुम्हारे फायदे के लिए गाय का दूध है , ये और मक्खन मुफीद दवाई हैं , अलबत्ता इसके गोश्त में बीमारी है ।

इस्लाम में कितनी हदीस है ? 

इस्लाम में बहुत से हदीस की किताबें मौजूद हैं जिनमें से कुछ नाम यह है सही बुखारी शरीफ,सही मुस्लिम शरीफ,अबु दाऊद, इब्ने माजा,तिर्मिजी,निसाई इत्यादि और भी है लेकिन मुझे इतने किताबों के नाम अभी याद है और 1 हदीस की संख्या 1623 इब्न अल - सलाह ने यह भी कहा : " हदीस की किताब , सहीह में 7,275 हदीस है , जिसमें कुछ हदीसें बार - बार दोहराई भी गयी हैं । ऐसा कहा गया है कि बार - बार दोहराई गयी हदीसों को छोड़कर यह संख्या 2,230 है । " यह उन हदीस का जिक्र कर रहे हैं हो मुस्नद हैं , जो मुहम्मद से उत्पन्न होकर सहयोगियों द्वारा प्रामाणिक हैं ।

ईसाई धर्म और इस्लाम धर्म में क्या अंतर है ? 

इस्लाम भले ही ईसा मसीह के जन्म का उत्सव नहीं मनाता है लेकिन जीसस की इज़्ज़त ज़रूर करता है . मुसलमानों की नज़र में ईसा मसीह ईसाइयों के पैगंबर हैं और ये मान्यता उनके मजहब का एक अभिन्न हिस्सा है . कुरान ईसा मसीह को एक ऐसी अहम शख़्सियत के तौर पर देखता है जो पैगंबर मोहम्मद के पहले आए थे । और उन्होंने पैगम्बर मोहम्मद स्वलल्लाहो अलैहि वसल्लम को मेरे बाद आने की भविष्यवाणी की थी इस्लाम के अनुसार ईसा मसीह इस्लाम ही के प्रचार प्रसार के लिए आये थे।

अल्लाह कौन सा देवता है ?

 जिसका सीधा सा अर्थ है भगवान / ख़ुदा / देवता . इलाह मतलब देवता . अल्लाह के आलावा कोई और खुदा नहीं है।जो दुनिया का पालनहार है इस्लाम के अनुसार।

शिया सुन्नी मुसलमान में क्या फर्क है ? 

शिया - सुन्नी विवाद इस्लाम के सबसे पुरानी और घातक लड़ाइयों में से एक है । इसकी शुरुआत इस्लामी पैग़म्बर मुहम्मद के दुनिया से जाने के बाद , सन ६३२ में , इस्लाम के उत्तराधिकारी पद को लेकर हुई । अली के चाहने वाले को शिया कहा जाता है और जो समस्त लोगों को सम्मान करें उन्हें सुन्नी या अहले सुन्नत कहा गया है इस्लाम के अनुसार सुन्नी मुस्लिम ही अपनी परंपरा के साथ 1440 सालों से अपने परंपरागत तरीके से चले आ रहे हैं।

इस्लाम धर्म और हिंदू धर्म की पवित्र पुस्तक कौन सी है ? 

कुरान शरीफ़ इस्लाम की पवित्र पुस्तक है , ठीक वैसे ही जैसे गीता , रामायण हिन्दू धर्म की , गुरु ग्रंथ साहिब सिख धर्म की और बाईबल इसाई धर्म की ।

कुरान किसका धर्म ग्रंथ है ? 

कुरान इस्लाम का केंद्रीय धार्मिक पाठ है , जिसे मुसलमान ईश्वर से एक रहस्योद्घाटन मानते हैं । इसे व्यापक रूप से शास्त्रीय अरबी साहित्य में सबसे अच्छा काम माना जाता है ।

काफिर बोध के रचनाकार कौन है ?

 इन्हीं दो सिद्धांतों के कारण बड़थ्वाल यह लिखने के लिए प्रेरित हुए कि कि अवलि सिलूक और काफिर बोध यह संदेश देते हैं कि हिंदू और मुसलमान , दोनों ही ईश्वर के सेवक हैं . इनसे इस विचार को बल मिलता है कि योगी लोग इन दोनों के बीच कोई भेदभाव नहीं करते थे और इनमें से किसी के भी साथ पक्षपात नहीं करते थे . '

पहले स्थान पर कौन सा धर्म है ? 

दुनियाभर में अनुयायियों की संख्या के लिहाज से इस्लाम सबसे बड़ा मजहब और दूसरे स्थान पर इसाई धर्म है . 

दुनिया का सबसे पुराना धर्म कौन सा है ? 

 दुनिया का सबसे पुराना धर्म इस्लाम है इसे हर ज़माने के पैगम्बर जैसे आदम,नूह,शीश,याकूब,सुलैमान, इब्राहीम, इस्माईल, इस्हाक,यूसुफ,मूसा,ईसा, मोहम्मद, स्वलल्लाहो अलैहि वसल्लम अपने अपने जमाने में प्रचार प्रसार के लिए आये है।

पहले नंबर पर कौन सा धर्म है ?

 इस्लाम धर्म - इस्लाम धर्म को दुनिया का सबसे बड़ा धर्म माना जाता है क्योंकि पूरी दुनिया में 31 फ़ीसदी आंकड़ा इस्लाम धर्म का पालन करने वाले लोगों का है . 2.2 अरब से भी अधिक लोग इस्लाम धर्म का पालन करते हैं . इसाई धर्म - दुनिया के सबसे बड़े धर्मों में इसाई धर्म का नाम दूसरे नंबर पर आता है .

इस्लाम धर्म के प्रमुख सिद्धांत क्या है ?

 इस्लाम धर्म का आधारभूत सिद्धांत अल्लाह को सर्वशक्तिमान , एकमात्र ईश्वर और जगत का पालक और हजरत मुहम्मद को उनका संदेशवाहक या पैगम्बर मानना है . यही बात उनके ' कलमे ' में दोहराई जाती है : ' ला इलाहा इल्लल्लाह मुहम्मदुर्रसूलुल्लाह ' . यानी कि ' अल्लाह एक है , उसके अलावा कोई दूसरा ( दूसरी सत्ता ) नहीं और मुहम्मद उसके रसूल या पैगम्बर . 

इस्लाम धर्म की प्रमुख शिक्षाएं क्या थी ? 

इस्लाम धर्म की प्रमुख शिक्षाएं भूंखों को खाना खिलाना नंगो को कपडा पहनाना, मरीजों को तीमारदारी करनी यानी हाल खबर पूंछना, लोगों के लिए पानी का इंतजाम करना मुसाफिरों को साया के लिए इंतजाम करना, पेड़ पौधे लगाना, पढ़ाई पर बहुत जोर देना, जिन्दगी जीने का तरीका जानना, मर्दों और औरतों में फरक ना करना ,झूंठ ना बोलना, सच का साथ देना, परेशान लोगों की परेशानियां दूर करने में मदद करना, एक खुदा के आलावा और ख़ुदाओं का शरीक ना करना, मोहम्मद स्वलल्लाहो अलैहि वसल्लम को आखरी पैगम्बर मानना।

इस्लाम धर्म की मुख्य शिक्षाएं क्या है ? 

इस्लाम के सिद्धांतों में पूर्ण विश्वास और जीवन में उनका पूरी तरह से पालन सुनिश्चित करना शिक्षा का उद्देश्य था . इसके अतिरिक्त चारित्रिक गुणों का विकास भी महत्वपूर्ण उद्देश्य था - अल्लाह पर पूरा भरोसा , उच्च नैतिक आचरण , सूद न लेना , सभी स्थतियों को ईश्वर की इच्छा समझकर स्वीकार करना , धैर्य , साहस इत्यादि पर बल दिया जता था । ज्यादा पढ़ने के लिए इस्लाम कैसा धर्म है पोस्ट पढ़ें या किलिक करें । इस्लाम कैसा धर्म है।

कुरान शरीफ में कुल कितनी आयतें हैं ? 

इस्लाम के धार्मिक ग्रन्थ कुरआन की सबसे छोटी ईकाई को आयत कहते हैं । कुरआन के हर अध्याय का नाम सूरा होता है और हर सूरे में बहुत सी आयत होती हैं । अलग सूरे अलग लम्बाई के हैं और इनमें 3 से लेकर 286 आयत हैं । पूरे कुरआन में कुल मिलकर 6,666 आयत हैं ।

अल्लाह के माता पिता कौन थे ? 

अल्लाह के माता पिता कोई नहीं है इस्लाम के अनुसार सूरह अख्लास में कुरआन की आयतों से पता चलता है कि अल्लाह ना किसी का बाप है ना उसका कोई बाप है ना बीवी है ना मां है वोह अकेला है । जिन्दगी मौत सब का देने वाला अल्लाह है रोजी, इज्जत, जिल्लत देना उसी का काम है वोह यकता है।

भगवान और अल्लाह में क्या अंतर है ?

 ईश्वर और अल्लाह में कोई अन्तर नहीं है सिर्फ भाषा कि फर्क है हम हिन्दी भाषी भगवान कहते हैं और अरबी भाषी अल्लाह कहते हैं।।

अल्लाह के कुल कितने नाम है ? 

इस्लाम में अल्लाह के नाम : परंपरा ( हदीस ) के मुताबिक , इस्लाम में अल्लाह के कम से कम1000 हैं। जिनमें से 99 नाम हैं हदीस और कुरआन में मिलता है और कुछ नाम बाइबिल,तौरात,जबूर और कुछ सहीफे में है , जिन्हें अस्माउ अल्लाहि अल हुसना ( अस्माउल हसनह ) " अल्लाह के सुंदर नाम " के रूप में जाना जाता है ।


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