Can a Muslim girl be renamed after 13 years of Akiqah?
Got a question to read: Can a Muslim girl's name be changed after Akiqah, 10 years, 11 years, 12 years, 13 years, 14 years, 15 years, 16 years, 17 years, 18 years?
The answer to which is that any caste in Islam means there is no restriction for anyone personally.
You can change the name whenever you want. The condition is that the Shariyate is taking care of Islam.
If the name doesn't mean well
For this, we see the Hadith of the government of Madina Hazrat Mohammad Mustafa Swallallaho Alaihi Wasallam.
A person came to Islam after reading the religion of Islam, the prophet of all of us asked his name, he told his name that my name is Juhal, which means stool urine worm
Our prophet changed his name to Abdullah which means Allah’s prisoner
This proves that if there is any deficiency in the name or meaning which is not good, it can change its name at any time.
In a custom, Hazrat Muhammad Mustafa Swallallaho Alaihi Wasallam ordered that the names of his children be good, which means good, such as Abdullah, Mohammed.
, Ahmed
Islam Faraham us very easy life
Like - Islam dictates that Paki is half faith
This allows the person to always clean his body
Now it has the advantage that no disease gets caught quickly due to cleanliness. It is our benefit from cleanliness. Islam has included cleanliness in the status of faith, so that humans can always maintain cleanliness.
Gusl has been described in Islam as a
Due to which the person avoids the disease while bathing, experts say that there is a fear of getting sick soon by bathing. Experts say that they do not know the method of bathing. Due to which the water falls directly on their heads and the body does not get it quickly and is surprised, due to which the human is more likely to get sick soon.
Experts recommend that the person will not be ill by doing this at the time of bathing. First of all, water should be poured into the feet.
Then in the hand again, when water is finally put on the head, such a person will not get ill by taking a bath soon.
And the attitude of Islam is also based on the signs that the method of applying it before bathing is given by Islam.
First of all, wash your hands and then do a rinse, that is, throw water inside the mouth and throw it out, do this process three times.
Then clean the nose by adding water to the nose; the way to do this is to put water in the nose with the right hand and if there is dirt in the nose with the fingers of the left hand, then clean this process also three times.
Then pour water on the mouth thrice
It is called face (mouth) in Islam from the right ear to the left ear and from the place of growing hair of the head to the chin. Wash it thoroughly with water thrice a day.
After that, wash both hands right and left hands three to three times (3 - 3) times, first wash the right hand and then wash the left hand, also do this process three times.
After that, clean your head with three (3 - 3) fingers of both hands by taking clean water, that means, by mixing three fingers of both hands, flip the entire head from the forehead and with the help of the thumb inside the ear and Finger out if there is any dirt, then clear this process once
After that, wash the bundles of both feet thrice - first, then the right leg, do this process three times.
After this, water three to three times in the right shoulder
Then water three to three times in the left shoulder in the whole body
Now after this, pour water from the head and pour water in the whole body, the command of Islam has been given by the Prophet Hazrat Muhammad Mustafa Swallallaho Alaihi Wasallam to the believers of the whole Islam and the whole world.
Islam is not for our loss but for our help
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क्या अकीकह के 13 साल बाद मुस्लिम लड़की का नाम बदला जा सकता है?
एक प्रश्न पढने को मिला क्या अकीकह के ,10साल,11साल,12साल,13साल,14साल,15साल,16साल,17साल,18 साल बाद मुस्लिम लड़की का नाम बदला जा सकता है?
जिसका उत्तर यह है इस्लाम में किसी जाती मतलब personally किसी के लिए कोई रोक नहीं है
आप लोगों की मर्जी है जब चाहें नाम बदल सकते हैं शर्त यह है कि शरीयते इस्लामी का ख्याल रखते हुये
अगर नाम का मतलब अच्छा ना हो तो
इसके लिए हमें सरकारे मदीना हजरत मोहम्मद मुस्तफा स्वललल्लाहो अलैही वसल्लम की हदीस राह नुमाई करती नजर आती है
एक व्यक्ति इस्लाम का कल्मा पढ कर ईमान लाया हम सब के रहमत वाले नबी ने नाम पूँछा की अपना नाम बताओ वह व्यक्ति अपना नाम बताया की मेरा नाम जुहल है जिसका अर्थ है मल मूत्र का कीड़ा
हमारे नबी ने उनका नाम बदल कर अब्दुल्लाह रख दिया जिसका अर्थ है अल्लाह का बन्दा
इससे साबित हुवा की अगर नाम में कोई कमी हो या जिसका अर्थ अच्छा ना हो वो कभी भी अपना नाम बदल सकता है
एक रिवायत में हजरत मुहम्मद मुस्तफा स्वललल्लाहो अलैही वसल्लम ने फरमाया कि अपने बच्चों के नाम अच्छे रखो जिसका अर्थ अच्छा हो जैसे अब्दुल्लाह, मोहम्मद
,अहमद
इस्लाम हमें बहुत ही आसान ज़िन्दगी फराहम करता है
जैसे - इस्लाम का हुक्म है कि पाकी आधा ईमान है
इससे इन्सान अपने जिस्म कि सफाई हमेशा करे
अब इसका फायदा ये होता है सफाई की वजह से कोई बीमारी जल्दी इन्सान को नहीं पकडती सफाई से हमारा ये फायदा है सफाई को इस्लाम ने ईमान के दर्जे में शामिल किया है जिससे इनसान हमेशा सफाई बनाये रहे
इस्लाम मे गुस्ल का एक तरीका बतलाया है
जिससे इन्सान नहाते समय बीमारी से बचा रहता है विशेषज्ञों का कहना है कि नहाने से इन्सान जल्द बीमार होने का डर रहता है विशेषज्ञों का कहना है कि उन्हें नहाने का तरीका नहीं मालूम होता है विशेषज्ञों का कहना है कि इन्सान आज के समय शावर इस्तेमाल करता है जिससे सीधा उनके सरों मे पानी पडता है और जिस्म इसको जल्दी अपना नहीं पाता और हैरान रह जाता है जिससे इन्सान को जल्द बीमार होने का अनुमान ज्यादा रहता है
विशेषज्ञों की सलाह है नहाने के समय मे ऐसा करने से इन्सान बीमार नहीं होगा सबसे पहले पैर में पानी डाला जाये
फिर हाँथ में फिर जिस्म आखिर में सिर मे पानी डाला जाये ऐसे नहाने से इन्सान जल्द बीमार नहीं होगा
और इस्लाम का नज़रिया भी साइन्स पर आधारित है कि नहाने से पहले वजु किया जाये इसका तरीका इस्लाम ने यूँ बताया गया है
कि सबसे पहले अपने दोनों हाँथों को धोया जाये फिर कुल्ली करें यानी मुँह के अन्दर पानी लेकर उसे बाहर फेंका जाये इस प्रक्रिया को तीन बार करें
फिर नाक में पानी डाल कर अच्छे से नाक को साफ किया जाये इसका तरीका ये है कि दायें हाँथ से नाक में पानी डालना है और बाँयें हाँथ की उंगलियों से नाक मे अगर गन्दगी हो तो साफ करें इस प्रक्रिया को भी तीन बार करें
फिर मुँह पर तीन बार पानी डाल कर अच्छे से मुँह धोंयें
इसका इस्लाम मे मुँह दायें कान से लेकर बायें कान तक और सिर के बाल उगने की जगह से ठुड्डी तक चेहरा (मुँह) कहलाता है इसे तीन बार पानी से अच्छी तरह धोयें इस प्रक्रिया को भी तीन बार करें
इसके बाद दोनों हाथों को दायें और बायें हाँथों को घुठनों तक तीन - तीन ( 3 - 3 ) बार धोयें पहले दाहिना हाँथ धोयें फिर बाएं हाथ को धोयें इस प्रक्रिया को भी तीन बार करें
इसके बाद साफ पानी लेकर दोनो हाथों के तीन - तीन ( 3 - 3 )उँगलियाँ मिला कर अपने सिर का मसह करें मतलब दोनो हाथों के तीन तीन उँगली मिला कर माथे से पूरे सिर को उँगलियाँ फिरा दें और कान के अंदर अँगूठे के सहायता से और बाहर उँगली फिरायें की कहीं भी गन्दगी हो तो साफ हो जाए इस प्रक्रिया को एक बार करें
इसके बाद दोनों पैरों के गट्ठों तक तीन - तीन बार धोयें पहले दायें फिर बाएं पैर को इस प्रक्रिया को भी तीन बार करें
इसके बाद दायें कन्धे मे तीन - तीन बार पानी पूरे जिस्म मे बहायें
फिर बायें कन्धे में तीन - तीन बार पानी पूरे जिस्म मे बहायें
अब इसके बाद सिर से पानी डालें और पूरे जिस्म में पानी डालें इस्लाम का हुक्म शुरू से सारे इस्लाम के मानने वाले और सारी दुनिया को पैगम्बर हजरत मुहम्मद मुस्तफा स्वललल्लाहो अलैही वसल्लम ने तरीका बतला चुके हैं
इस्लाम हमारे नुकसान के लिए नहीं है बल्कि हमारी सहायता के लिए है
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