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Roza (Fasting) | रोजा़ 

Roza keFazail o Masail Ramzan ul Mubarak sarkar ka farman hai har shakhsh jannat ka mutmanni hai

फ़ज़ाइलो मसाइल रमज़ानुल मुबारक सरकार का फ़रमान है कि हर शख्स जन्नत का मुतमन्नी है
Ramzan 2021 infomgm
Ramzan 2021

मगर जन्नत चार (4)  किस्म के लोगों की मुतमन्नी है । 
(1) जिसने रमज़ान के रोज़े रखे । 
(2) जिसने कुरआने पाक की तिलावत की ।
(3) जिसने नंगे को कपड़े पहनाये । 
(4) जिसने किसी रोज़ेदार को इफ़्तार कराया उसने गोया सत्तर (70)गुलाम आजाद किये ।
Magar jannat (4) kism ke logon ki mutmanni hai
(1) jisne Ramzan ke Roze Rakhe 
(2) jisne Quran paak ki Tilawat ki 
(3) jisne nange ko kapde pahnaya 
(4) Jisne Kisi Rozadar ko iftar karaya usne (70) Gulam Azad kiye

Roza Rakhne Ki Dua
roze ki niyat | रोज़े की नियत 

(1) नवैतो अन असूमा गदन लिल लाहि ताला मिन फर्ज रमजान हाजा। 
(1) Nawaitu an asuma gadan lillahi taala Min farz Ramzan haja 

(2) वबि सौउमि ग़दिन नवैतुम मिनशहरि रमज़ान हाजा ०

Roza Kholne Ki Niyat | इफ़्तार के बाद पढ़ें 

अल्लाहुम्मा लका सुम्तु व बिका आमन्तु व अलैका तवक्कल्तु वअला रिज़्किका अफ़तरतु 

allahumma laka sumtu wa bika aamantu wa alaika tawakkaltu wa ala aali rizqiqa aftartu

Roza ki mubahat | मुबाहत

Bhool kar khana, jima karna ,bila qasad halaq Me Gubar chala Jana, khud ba khud kai Ho Jana agar che Muhn bhar Ho, ehtlam hona, surma, khushboo, tel (oil) Lagana, Miswak karna wagairah se roza Nahi Toot ta aour na makrooh hota hai 

भूलकर खाना , पीना , जिमा करना , बिला कस्द हलक में गुबार या धूआ चला जाना , खुद ब खुद कै हो जाना अगरचे मुँह भर हो , एहतिलाम होना , सुर्मा , खुश्बू , तेल लगाना , मिस्वाक करना वगैरह से रोज़ा नहीं टूटता और ना मकरूह होता है । 


Roza kis se makrooh hota hai |मकरूहात 

Jhoont, gibat, gaali bakna, bila kasad kisi cheej ka chakhna, muhn me der tak thook jama kar ke nigalna wagaira baaten roze ko makrooh kar deti hai 

झूट , ग़ीबत , गाली बकना , बिला ज़रूरत किसी चीज़ का चखना , मुँह में देर तक पानी रखना , थूक मुँह में जमा करके निगल जाना वगैरह बातें रोज़े को मकरूह कर देती है । 


Mufsidat e Roza | मुफ्सिदाते रोजा़ 

Kan ya naak Me dawa ya Tel dalne se muh bhar kai karne se roza toot jaata hai aour sirf kaja lajim aati hai aour qasdan khane peene aour jima karne se roza toot jaata hai aour kaja ke saanth kaffara bhi lajim ho jaata hai 
कस्दन नास लेने , कान या नाक में दवा या तेल डालने और क़स्दन मुँह भर कै करने से रोज़ा टूट जाता है और सिर्फ कज़ा लाज़िम आती है । और कस्दन खाने , पीने और जिमा करने से रोज़ा टूट जाता है और क़ज़ा के साथ कफ़्फ़ारह भी लाज़िम हो जाता है । 


Taravi  | तरावीह 

Ramzan ul Mubarak me chand nazar aane ke baad rojana isha ke farz se farig ho kar 20 rakat taravi sunnate muakkeda hai iski jamat mardon ke liye sunnate muakkeda alal kifaya hai taravi me 1 khatm e Quran sunnat hai jisne isha ke farz jamat se na padha Ho wo taravi jamat se padh sakta hai Lekin wo tanha padhe 
रमज़ानुल मुबारक में चाँद होने के बाद रोज़ाना इशा के फ़र्ज़ से फ़ारिग़ होकर बीस रकाअत तरावीह सुन्नते मुअक्कदह है । इसकी जमाअत मर्दो के लिये सुन्नते मुअक्कदह अलल किफ़ाया है । 
तरावीह में एक ख़त्मे कुरआन सुन्नत है जिसने इशा के फ़र्ज़ जमाअत से न पढ़े हों वह तरावीह जमाअत से पढ़ सकता है लेकिन वह तन्हा पढ़े । 
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Taravi Ki Dua | तरावीह की दुआ 

तरावीह की तस्बीहः सुब्हाना ज़िल मुल्कि वल मलकूत , सुब्हाना ज़िल इज़्ज़ति वल अज़्मति वल हैइबति वल कुदरति वल किबरियाइ वल जबरूत , सुब्हानल मलिकिल हय्यिल लज़ी ला यनामु वला यमूतू , सुब्बूहुन कुद्सुन रब्बुना व रब्बुल मलाइकति वर्रुह , अल्लाहुम्मा अजिरनां मिनन्नारि या मुजीरू या मुजीरुया मुजीर 0 बिरहमतिका या अरहमर राहिमीन 



Sadqa e fitr | सदक़ए फ़ित्र

हर मालिके निसाब पर अपनी और अपनी नाबालिग़ औलाद की तरफ़ से सदक़ए फ़ित्र अदा करना वाजिब है मौजूदा वज़न के मुताबिक फी शख्स दो (2)  किलो पैंतालीस (45) ग्राम गेहूँ या चार (4) किलो (90) ग्राम जौ वगैरह या इसकी कीमत , बल्कि कीमत देना ही बहतर है और सदक़ए फ़ित्र ईद की नमाज़ से पहले अदा कर देना चाहिये । 
Har malike Nisab par apni aour apni nabalig aoulad ki taraf se sadqa e fitra ada karna wajib hai aaj ke zamane ke hisab se har shakhs ko ( 2 k. 45G.) gehun ya (4k. 90G.) jaou wagara ya iski qimat ada kar dena chahiye aour ye eid ki namaz se pahale ada kar dena chahiye 


Eid ki namaz ka tarika
नमाज़े ईद की नियत वा पढ़ने का तरीका 
Eid ki niyat Hindi me

Niyat ki mai (2) Rakat Namaz Eid ul fitr ki waste Allah paak ke zaeid (6) Takbeeron ke saanth piche is Imam ke muhn mera kaba sharif ke Taraf Allahu akbar kah kar apne haantho ko kaano ki laou tak le jaa kar naaf ke neeche laa kar baandh len fir sana padhe fir (2) Do Takbeeron ME haanth kaano tak le jaakar chod DE aour (3) tisri rakat ME haant kaano tak le jaa kar naaf ke nice laa kar bandh len fir kirat sune rukoo sajda karen 
dusri rakat ME ruku se pahale  teen  Takbeeron ME haanth kaano tak le jaakar chod DE aour chauthi takbir ME bagair haanth uthaye ruku karen sajde karen salam ke baad khutba sune 
नियत की मैंने दो (2) रकअत नमाज़ ईदुल फ़ित्र की , वास्ते अल्लाह तआला के , जाइद छै (6) तकवीरों के साथ , पीछे इस इमाम के मुँह मेरा काबा शरीफ़ की तरफ़ कहकर अपने दोनों हाथों को कानों तक ले जाएँ और अल्लाहु अकबर कहते हुए नाफ़ के नीचे बाँध लें ।
और सना पढ़ें , इसके बाद दो (2) तकबीरों में हाथ कानों तक उठाकर छोड़ दें और तीसरी (3)  तकबीर में हाथ कानों तक उठाकर ज़ेरे नाफ़ बाँध लें और किरात सुनें और दूसरी रकाअत में क़िरत के बाद तीन (3) तकबीरों में हाथ कानों तक उठाकर छोड़ दें और चौथी (4) तकबीर में वगैर हाथ उठाए रुकूअ में चले जाएँ और नमाज़ पूरी करें फ़िर खामोश बैठकर खुत्बा सुनें । 



Ramzan Ki Duayen
रमज़ानुल मुबारक की मक़बूल दुआएं 

इस दुआ को इफ़तार से चन्द मीनिट क़ब्ल पढ़िये और इसी तरतीब से एक दिन में सिर्फ एक ही दुआ पढ़िये 
( 1 ) ऐ अल्लाह मुझे लैलतुल क़द्र नसीब फ़रमा ।
( 2 ) ऐ अल्लाह मुझे कामिल ईमान नसीब फ़रमा और पूरी हिदायत फ़रमा ।
( 3 ) ऐ अल्लाह कलिमा तैयबा ज़बान पर जारी फ़रमा ।
( 4 ) ऐ अल्लाह हमें पूरे रमज़ान की नेअमतें , बरकात अनवारात से मालामालफ़रमा । 
( 5 ) ऐ अल्लाह हमारे दिलों को इख़लास के साथ दीन की तरफ़ फर दे ।
( 6 ) ऐ अल्लाह अपनी ख़ास रहमत नाज़िल फ़रमा और अपने क़हर व ग़ज़ब से बचा । 
( 7 ) ऐ अल्लाह झूट , ग़ीबत , तकब्बूर , बुराई और झगड़े से हमारी हिफ़ाज़तफ़रमा । 
( 8 ) ऐ अल्लाह हमारे सग़ीरा व कबीरा गुनाहों को माफ़फ़रमा । 
( 9 ) ऐ अल्लाह एक लम्हे के लिये भी हमें दुनिया के हवाले न फ़रमा । 
( 10 ) ऐ अल्लाह तंगदस्ती , ख़ोफ़ , और क़र्ज़ के बोझ को दूर फ़रमा ।
( 11 ) ऐ अल्लाह हम को दजाल के फ़ितने , शैतान और नफ़्स के शर से मोत की सख्ती से क़व्र के अजाब से , क़यामत की गरमी से और जहन्नम कीआग से महफूज़ फ़रमा ! 
( 12 ) ऐ अल्लाह हश्र की रुसवाई से हमारे वालदेन और पूरे उम्मते मोहम्मदया की हिफ़ाज़त फ़रमा । 
( 13 ) ऐ अल्लाह पुल सिरात से बिजली की तरह गुज़ार । 
( 14 ) ऐ अल्लाह बिला हिसाब व किताब जन्नतुल फ़िरदोस में जगह नसीब फ़रमा ।
( 15 ) ऐ अल्लाह आमाल हमारे दाहने हाथ में नसीब फ़रमा ।
( 16 ) ऐ अल्लाह अपने अर्श के साऐ में जगह नसीब फ़रमा ।
( 17 ) ऐ अल्लाह हजे बैतुल्लाह मक़बूल वमसरूब नसीब फ़रमा ।
( 18 ) ऐ अल्लाह मुनकर नकीर के सवालात हम पर आसान फ़रमा ।
( 19 ) ऐ अल्लाह हलाल रोज़ी अता फ़रमा ।
( 20 ) ऐ अल्लाह क़ियामत के रोज़ अपना दीदार अता फ़रमा ।
( 21 ) ऐ अल्लाह हमेंतेरे बन्दों का मोहताज न बना । 
( 22 ) ऐ अल्लाह औरतों को पूरी - पूरी परदे की पाबन्दी अता फ़रमा ।
( 23 ) ऐ अल्लाह छोटी - बड़ी बीमारी से हमारी व पूरी उम्मते मोहम्मदया की हिफ़ाज़त फ़रमा । 
( 24 ) ऐ अल्लाह तक़वा और परहेज़गारी नसीब फ़रमा । 
( 25 ) ऐअल्लाह हमारी क़ौम को सिराते मुस्तकीम पर क़ायम रहने वाला बना और अपनी रज़ा पर राज़ी रखने की तोफ़ीक़ अता फ़रमा ।
( 26 ) ऐ अल्लाह हुजूरे अकरम सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम के प्यारे तरीके और आपकी सुनत पर चलने की तौफ़ीक़ नसीब फ़रमा ।
( 27 ) ऐ अल्लाह क़यामत के दिन हुजूरे अकरम सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम कीशफ़ाअत नसीब फ़रमा ।( 28 ) ऐ अल्लाह कयामत के दिन हुजूरे अकरम सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम के मुबारक हाथों से जामे कौसर पीना नसीब फ़रमा ।
( 29 ) ऐ अल्लाह हमारे दिलों में अपनी और अपने महबूब की मोहब्बत नसीब फ़रमा ।
( 30 ) ऐ अल्लाह हुजूर सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने भलाई के लिये जो दुआ मांगी उसे हमारे हक़ में कुबूल फ़रमा और जिन - जिन बुराईयों से पनाह चाही उससे हमारी हिफ़ाज़तफ़रमा । 



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