Wazifa kya hota hai | amal kise kahate hain | ruhani ilaaj keya hota hai
Ruhani Wazifa basically Quran Ki Aayton ka padhna khas time me tanhai ikhtiyar karna wazifa kahlata hai
Wazifa ki jaankari |
Ruhani wazifa karne ka tarika
अगर कोई शख़्स दुआ और अवरादो वज़ाइफ़ के Rule and Regulations उसूलो क़वानीन की पाबन्दी न करें ।
जिन चीज़ों को करना चाहिये उन से गाफ़िल ना रहें और जिन से बचना चाहिए उन में मुब्तला ना रहें ।
उस के दिलो दिमाग में यह ख़यालात आते ना रहें कि पता नहीं
✓• दुआएं पढ़ने या रूहानी वज़ीफ़ा करने से बीमारी दूर होगी या नहीं ?
✓• रूहानी वज़ीफ़ा करने से रोज़गार में बरकत होगी या नहीं ?
✓• रूहानी वज़ीफ़ा करने से अल्लाह पाक की रहमत नाज़िल होगी या नहीं ?
✓• रूहानी वज़ीफ़ा करने से बच्ची की शादी होगी या नहीं ?
✓• कहीं रूहानी वज़ीफ़ा करने से दिमाग तो खराब नहीं हो जाएगा ?
✓• कहीं रूहानी वज़ीफ़ा करने से उल्टा मुझे कोई नुक्सान तो नहीं होगा वगैरह-वगैरह?
तो ऐसा शख्स अपने मकसद में कभी भी कामयाब नहीं हो सकता।
और न ही उस को अवरादो वज़ाइफ़ (रूहानी अमलियात) का कोई फायदा नहीं होगा ।
जबकि इस के मुकाबले में अवरादो वज़ाइफ़ की Rules and regulations (शरायत व आदाब)
की रिआयत ( खयाल ) करने वाले को इस के भरपूर फ़यदा और बरकात मिलते हैं ।
wazifa karne ka sahi tarika
अवरादो वजाइफ़ (रूहानी अमल) पढ़ने की 7 शराइत Rules
अवरादो वज़ाइफ़ (अमलियात) पढ़ने की शराइत में से सात ( 7 Rules Mandatory ) शर्ते निहायत ही अहम और ज़रूरी हैं ।
इन के बगैर कुरआनी आमाल से फ़वाइद हासिल होने में कमी आ सकती है ।
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वोह शराइत और नियम यह हैं :
ruhani amal karne ke tarike
( 1 ) हलाल लुक्मा खाना और हराम गिज़ाओं से बचना ।
( 2 ) सच बोलना और झूट से हमेशा बचते रहना ।
( 3 ) नियत को दुरुस्त और पाकीज़ा रखना कि हर नेकी अल्लाह करीम ही के लिए करना ।
( 4 ) शरीअत के अहकाम की पूरी पूरी पाबन्दी करना ।
( 5 ) अल्लाह करीम के दीन के सुतूनों मसलन कुरआन , काबा , नबी , नमाज़ वगैरा की ताज़ीम और बुजुर्गाने दीन का हमेशा अदबो एहतराम करना ।
( 6 ) जो भी रूहानी वज़ीफ़ा पढ़ें दिल की हुजूरी ( यानी मुकम्मल तवज्जोह ) के साथ पढ़ना ।
( 7 ) जो रूहानी अमल और रूहानी वज़ीफ़ा पढ़ें उस की तासीर पर पूरा पूरा यकीन और पुख्ता अक़ीदा रखना ।
अगर शक और शुबा हुवा तो रूहानी वज़ीफ़ा या रूहानी अमल में असर न रहेगा । ( जन्नती जेवर , स . 574 )
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अवरादो वजीफे (रूहानी अमलियात) पढ़ने के जरूरी आदाब
अवरादो वज़ाइफ़ रूहानी अमलियात पढ़ने के कुछ ज़रूरी आदाब भी हैं ।
हर रूहानी अमल करने वाले पर लाज़िम है कि वोह इन आदाब का भी ख़याल व लिहाज़ रखे ।
वरना दुआओं और रूहानी वज़ीफ़ों की तासीरात में कमी हो जाना लाज़िमी है ।
चन्द अहम और ज़रूरी आदाब rules यह हैं :
( 1 ) हर रूहानी अमल या रूहानी वज़ीफ़ा करते वक़्त निहायत ही खुशूओ खुजूअ के साथ अल्लाह पाक की बारगाह में आजिज़ी व नियाज़ मन्दी का इज़हार करे ।
( 2 ) हर रूहानी अमल और वज़ीफ़ा शुरू करने से पहले कुछ सदक़ा ओ खैरात करे ।
( 3 ) हर रूहानी अमल और हर वज़ीफ़े (अमल) के अव्वल आखिर दुरूदे पाक पढ़ें ।
( 4 ) रूहानी वज़ीफ़ों के बाद जब अपने मकसद के लिए दुआ मांगे तो एक ही मरतबा दुआ मांग कर बस न कर दें बल्कि बार बार गिड़ गिड़ा कर खुदा से दुआ मांगे ।
( 5 ) जहां तक हो सके हर दुआ और वज़ीफे वगैरह रूहानी अमलियात को तन्हाई में पढ़े जहां न किसी की आमदो रफ़्त हो न किसी की कोई आवाज़ आए ।
( 6 ) किसी मुसलमान को नुक्सान पहुंचाने के लिए हरगिज़ हरगिज़ न कोई रुहानी अमल करें न कोई वज़ीफ़ा पढ़ें ।
( 7 ) जब कोई रूहानी अमल करें या रूहानी वज़ीफ़ा पढ़ें तो इस दौरान बहुत कम खायें और सादा गिज़ा खाएं , पेट भर कर न खाएं क्यूंकि पेट भरे लोग दुआओं की तासीर से अकसर महरूम रहते हैं ।
( 8 ) रूहानी वज़ाइफ़ पढ़ने के दौरान बदन और कपड़ों की पाकी और सफ़ाई का ख़ास तौर पर खयाल व लिहाज़ रखें बल्कि खुश्बू भी इस्तेमाल करें
और ज़ाहिरी पाकी व सफ़ाई के साथ साथ अपने अख़्लाक़ व किरदार और बातिनी सफ़ाई का भी एहतमाम रखे ।
( 9 ) हर रूहानी अमल अच्छे वक्त में करे और हर रूहानी वज़ीफ़ा क़िब्ले की जानिब रुख कर के पढ़े । ( जन्नती जेवर , स . 575 माखूजन )
ruhani wazifa ka matlab
ruhani Wazifa Ka Matlab ruhani Amaliyat Ki Duniya Me Qadam Rakhna Hota Hai Wazife me Roohani Duniya ka Nazara karaya Jaata Hai
Aisi Aise Shai Dekhne Me Aati Hain Jo Kabhi Dekha Na Ho Zindgi Me Waise ruhani Wzifa Ki Duniya Bahut Badi Hai
Inshallah is Par Kisi Baar Tafseel Se Post Banaya Jayega
Agar Aap Logon Ki Khwahish Ruhani Amaliyat ki Jaanib Ragbat Rakhte Hon
To Comment Karen Jeyada Comment Aane Par Hum Us Par Bhi Post Daal diya karenge apne infomgm blogging par?
उम्मीद है कि इतनी तफ्सील पढ़ने के बाद आप दुआ और अवरादो वज़ाइफ़ रूहानी अमलियात की हिक्मत और शराइत व आदाब जान चुके होंगे ।
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2 टिप्पणियाँ
Subhanallah bahut umda jaankari
जवाब देंहटाएंMera amal ki jaankari mil gaya
जवाब देंहटाएंआपके फीडबैक का हमे इन्तजार रहता है आप सब लोग अपना फीडबैक कमेन्ट के जरिए दें या Contact form या contact us में दे सकते हैं। infomgm