शादी शुदा जिन्दगी को कामियाब बनाने के लिए अहम उसूल shadi shuda zindagi kaise jeena chahiye
आज कल जहाँ भी देखिए, शादियां नाकाम होती नज़र आती हैं।
शौहर (husband ) को अपनी बीवी (wife ) से, बीवी (पत्नी ) को अपने शौहर (पती )से बहुत सी शिकायतें हैं।
उनकी शादीशुदा जिंदगी एक दूसरे के लिए तक्लीफ और वबाल बन गई हैं।
shadi shuda zindagi kaise jeena chahiye |
ऐसा क्यूँ? इसके ज़िम्मेदार कौन हैं?
इन तमाम मसाइल का हल हमें खुद से तलाश करना है। शादी-शुदा ज़िंदगी को खुशहाल और कामयाब बनाने के लिए हमें अपने आपको बदलना होगा।
हम में जो खामियां हैं, उनको दूर करना होगा, तब कहीं जा कर शादी-शुदा ज़िंदगी कामियाब हो सकती है।
शादीशुदा जिंदगी कैसी होनी चाहिए
मां बाप बडे अरमान से अपनी लडकियों की शादियां करते हैं के चलिए उनके सर से एक बडी ज़िम्मेदारी उतर गई और वो एक अहम फरीज़े से बरी हो गए।
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लेकिन मामला इसके उलट होता है। कुछ लडकियां दोबारा अपने मां बाप के घर पनाह लेने पर मजबूर हो जाती हैं।
ऐसा क्युं ?
अगर वो अपनी खामियों पर गौर करें और उन्हे दूर करने की कोशिश करें तो ऐसा नहीं होगा।
जब लड़की शादी होने के बाद अपने मैके को छोड़ कर ससुराल की दहलीज़ पर क़दम रखती है तो हज़ारों अरमान और ख़्वाहिश उसके दिल में जन्म लेते हैं के उसकी ससुराल अच्छी हो,
वो अपनी सास में मां का और ससुर में बाप का छाया ढूंढती है और उस प्यार की तलाश में रहती है जो उसे अपने मैके से हासिल होता रहा है।
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अपने शौहर की चाहत की तलबगार होती है और चाहती है के
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- उसका शौहर खूब सीरत और नेक हो, बेहद प्यार करने वाला और ज़िम्मेदार हो,
- ताके उसे मैका छोडने का जो दुख हो उसको दूर कर सके।
- शौहर को चाहिए के वो अपनी बीवी को बेहद प्यार दे,
- उसकी मोहब्बत, वफा, खुलूस और जज़्बात की सच्चे दिल से क़द्र करे।
- उस पर जुल्म और शक ना करे!
उसकी खूबसूरती का नहीं बल्के उसकी नेक अखलाक का क़ाइल रहे।
- उसे नौकरानी ना समझे बल्के अपना हम सफर और सुख दुख की साथी समझे और खुद के जिम्मे बीवी के लिए जो हुकूक़ व फराइज़ हैं उसे बखूबी अंजाम दे।
- जिस तरह शौहर का फर्ज़ है के वो अपने वालदैन(pairents) के हुकूक़ का भी ख़याल रखें।
- बीवी को भी चाहिए के वो अपने शौहर को गुलाम ना समझे, उसकी हर जाएज़ ख़ुशी और मर्जी का इस्तक़बाल करें।
- उसकी इजाज़त और मर्जी के ख़िलाफ कोई ऐसा काम ना करे जिससे उसके दिल, जज़्बात और एतमाद को ठेस पहुंचे।
- उसकी भरपूर ख़िदमत करे, उसके सुख दुख में हमेशा शामिल रहे,
- उसके वादिलैन, बहन भाई और रिश्तेदारों की इज़्ज़त करे और उन से अच्छा सुलूक करे ताके ससुराल वालों की मोहब्बत और तवज्जोह का मर्कज़ बन सके।
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शौहर (husband ) और बीवी (wife) दोनों को चाहिए के वो एक दूसरे के हुकूक़ व फराइज़ को जानें, पहचानें, एक दूसरे के फीलिंग को समझें,
एक दूसरे पर भरोसा रखें क्योंके भरोसा ही मोहब्बत की पहली सीढ़ी होती है जिस पर चढ़ कर शौहर (पती) और बीवी (पत्नी) अपनी मंज़िल तय करते हैं।
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अगर शौहर (husband) किसी बात पर नाराज़ हो जाए तो बीबी (wife) को चाहिए के उसे मनाए और अगर बीवी रूठ जाए तो शौहर अपनी ताव,गुरूर को बाजू में रख कर उसका दिल जीतने की कोशिश करें।
इन तमाम बातों से शौहर (पती) और बीवी (पत्नी) एक दूसरे के दिल में घर कर सकते हैं और अपनी शादी-शुदा जिंदगी को पुर सुकून, खुश गवार और कामयाब बना सकते हैं।
याद रखें मियां बीवी की गाड़ी दो पहिये हैं अगर उन दोनों में परेशानी ना होगी तो ज़िंदगी की गाड़ी अच्छी तरह चलती रहेगी।
अगर उसमें से एक भी अपनी ज़िम्मेदारी से हट गया तो ज़िंदगी में कोई हादसा हो जाएगा।
शौहर (husband), बीवी (wife), सास (mother in law), ससुर (father in law) शादी-शुदा ज़िंदगी के चार अहम सुतुन होते हैं।
अगर ये अपनी ज़िम्मेदारी को बखूबी समझें, एक दूसरे के रिश्तों की अहमियत को जानें!
उनकी क़द्र करें तो घर की फिज़ा ख़ुशगवार होगी और शादीशुदा ज़िंदगी भी कामियाब होगी इन्शाअल्लाह।
3 टिप्पणियाँ
Very good 👍👍
जवाब देंहटाएंAchcha hai ji
जवाब देंहटाएंAchcha hai ji
जवाब देंहटाएंआपके फीडबैक का हमे इन्तजार रहता है आप सब लोग अपना फीडबैक कमेन्ट के जरिए दें या Contact form या contact us में दे सकते हैं। infomgm