dua mangne ka tarika in hindi
dua mangne ka sahi tarika aur dua kubul honeka sahi waqt |दुआ मांगने का सही तरीका और दुआ कुबूल होेने का सही वक्त
हम इस पोस्ट में हम जानेंगे dua mangne ka sahi tarika aur dua kubul honeka sahi waqt दुआ मांगने का सही तरीका और दुआ कुबूल होेने का सही वक्त
दुआ एक ऐसी इबादत हैं जो अगर बंदा अपने आपको अपने रब की दरबार में हाजिर करके इत्मीनान के साथ दिल और रुह के जरिए से बातें करता है और अपने हाल को बयान करता है।
दुआ यानी की अपने अल्लाह की तारीफ करना और जो बातें या जो बात दुनियां में किसी से भी ना कह सके वो बातें अल्लाह पाक के साथ करना और अपने दिल के सारे राज अपने रब के बारगाह पेश करना।
Addua u madukhul ibadah |
दुआ भी एक तरीके से इबादत ही हैं जैसा की हदीस शरीफ़ में है अद्दुआउ मख्खुल इबादा
यानी दुआ इबादत का मग्ज है
अल्लाह पाक को सबसे ज्यादा पसंदीदा चीज ये को बंदा अपने रब से मांगे और अल्लाह पाक अपने बंदे को उसके मांगने पर उसकी जायज नेक मुराद , उम्मीद और हर जायज दुआ को कुबूल और मकबूल करें।
हम इस पोस्ट में dua mangne ka sahi tarika aur dua kubul honeka sahi waqt दुआ मांगने का सही तरीका और दुआ कुबूल होेने का सही वक्त भी जानेंगे ताकि अगर किसी की दुआ कुबूल नही होती है
और उसे अपनी दुआ को कुबूल करवाने के लिए सही तरीका नही पता हो तो ये बाते सीख के अपने दुआ मांगने के तरीके में अगर कोई कमी हो तो वो भी पूरी कर सके। और सही तरीके से दुआ को मांगे ताकि हर जायज दुआ की कुबूलियत जल्द से जल्द हो सकें।
क्या आप दुआ मांगने का सही तरीका जानना चाहते हैं ?
तो इस आर्टिकल को पुरा आख़िर तक पढ़ें अल्लाह से दुआ मांगने का सही तरीका क्या हैं जानेंगे सही हदीस से और आप जानेंगे दुआ मांगने के क्या आदाब होते हैं।
अल्लाह से दुआ मांगने के लिए आप पहले वुजू कर लें । क्योंकि वुजू की हालत में दुआ मांगना बेहतर होता है। उसके बाद किबले की तरफ़ मुंह करके बैठ जाएं।
दुआ का क़िब्ला किस दिशा में है?
और फिर ये जानना चाहिए की दुआ का क़िब्ला आसमान होता है किसी भी दिशा में बैठ कर भी दुआ कर सकते हैं लेकिन काबे कि तरफ रुख करके दुआ मांगने से काबा का भी निसबत हो जाता है।
और फिर आप की मरजी बहुत से लोग कहने लग जाते हैं की काबा तरफ पीट करके कैसे दुआ कर रहे हो ये सिर्फ जिस जगह दरगाह मजारें होती है वहां ये सब बातें करते हैं जो बुजुर्गों से अल्लाह के वलियों से अकीदत नहीं रखतें हैं।
dua mangte hue photo |
ऐसे लोगों का तर्क होता है काबा से बेहतर दिशा कौन सी हो सकती है लेकिन तुम लोग काबा के तरफ रुख नहीं करते हो बल्कि काबा के तरफ पीठ करके दरगाह के तरफ रुख करके दुआ मांगते हो ये गलत हैं ऐसे बहुत सारे लोग मिल जाते हैं।
लेकिन वो ये भूल जाते हैं की दुआ का क़िब्ला आसमान है फ़िर चाहे कोई भी दिशा के तरफ रुख करके खड़े रहो कोई दिक्कत नहीं है।
अब आपको बताते हैं कि दुआ कैसे मांगी जाती है।
सबसे पहले बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम पढते हुए अपने दोनों हाथों को दुआ के लिए उठायें। सबसे पहले 3 बार दरूद शरीफ पढ़ें।
फिर दुआ मांगते वक्त आप इस चीज का खास खयाल रखें की दुआ मांगने से पहले और बाद में दुआ मांगने के आखिर में भी 3 बार दुरूद शरीफ़ पढ़ें।
ताकि आपकी दुआ आका हज़रत मोहम्मद स्वलल्लाहो अलैही वसल्लम के सदके कुबुलियत की तरफ बन जाए। क्योंकि एक हदीस शरीफ़ में आया है की जो दुआ बगैर दरूद शरीफ के मांगी जाती है वह दुआ जमीन और आसमान के बीच मैं लटकती रहती है। और कबूल नहीं होती है ।
इस बारे में हदीस में आया है । इसलिए दुआ में दुरूद शरीफ़ का पढ़ना अफजल माना गया है ।
Dua mangne ka tarika in hindi |
सबसे पहले दुआ में दुरूद शरीफ़ के बाद आप अल्लाह तआला की तारीफ़ बयां करें और उसमें अच्छे-अच्छे कलिमात पढ़े।
दुआ मांगते वक्त आपका ध्यान अल्लाह तआला की अजमत और कुदरत पर होना चाहिए।
फिर बड़े रहम करने वाले अल्लाह के सामने अपनी जरूरतों को पेश करें। जब आप दुआ कर रहे हो तो रो-रो कर गिड़गिड़ा कर अपनी दुआ को कबूल कराएं और सब कुछ मांगने के बाद दुआ के आखिर में दरूदे पाक पढ़ें।
दुआ मांगने का सबसे अफजल तरीका?
🤲 ऐ अल्लाह ﷻ हमें पाँच वक़्ता नमाज़ पढ़ने की तौफीक अता फरमा
🤲 ऐ अल्लाह ﷻ हमारें शगीरा और कबीरा गुनाहों को माफ फरमा
🤲 ऐ अल्लाह ﷻ हमें लैलातुल-कद्र अता फरमा
🤲 ऐ अल्लाह ﷻ कलमा ऐ तय्यैबा जबान पर जारी फरमा
🤲 ऐ अल्लाह ﷻ हमें पूरे रमजान की रहमतें बरकतें और अनवार अता फरमा
🤲 ऐ अल्लाह ﷻ हमारें दिलो को इख्लास के साथ दीन की तरफ फेर दें
🤲 ऐ अल्लाह ﷻ झुठ , गीबत , बुग्ज , तकब्बुर , बुराई और झगड़े से हमारी हिफाज़त अत्ता फरमा
🤲 ऐ अल्लाह ﷻ एक लम्हें के लिए भी हमें दुनिया के हवालें नहीं फरमा
🤲 ऐ अल्लाह ﷻ तंगदस्ती खौफ़ घबराहट और कर्ज के बोझ को दूर फरमा
🤲 ऐ अल्लाह ﷻ जो बिमार हैं उनको शिफा अत्ता फरमा
🤲 ऐ अल्लाह ﷻ हमें हलाल रोजी अता फरमा हमें हराम रोजी से दूर रहने की तौफीक अता फरमा
🤲 ऐ अल्लाह ﷻ जो बे-औलाद हैं उनको नेक सालेह औलाद अता फरमा
🤲 ऐ अल्लाह ﷻ जो बेरोजगार हैं उनको हलाल रोजगार अता फरमा
🤲 ऐ अल्लाह ﷻ हमारें वालिदैन और तमाम मुसलमानों की जो इस दुनिया से जा चुकें हैं उन सब की मग़फिरत और जन्नतुल-फिरदौस मे आला से आला मुकाम अता फरमा
🤲 ऐ अल्लाह ﷻ हमें बीना हिसाब-ओ-किताब के जन्नतुल-फिरदौस मे जगह अता फरमा
🤲 ऐ अल्लाह ﷻ हश्र की रूसवाई से हमारे वालिदैन और पूरी उम्मत-ऐ-मुहम्मदीया की हिफाज़त अता फरमा
🤲 ऐ अल्लाह ﷻ हमें पुलसिरात से गुजरना आसान फरमा
🤲 ऐ अल्लाह ﷻ नामा-ऐ-आमाल हमारे दायें हाथ मे अता फरमा
🤲 ऐ अल्लाह ﷻ हमारी नेक जायज़ तमन्नाओं को पूरा फरमा
🤲 ऐ अल्लाह ﷻ रब्बुल इज्जत सारी कायनात के शहंशाह सारी मख्लूक़ के पालने वाले
🤲 ऐ अल्लाह ﷻ ज़िन्दगी और मौत का फैसला करने वाले
🤲 ऐ अल्लाह ﷻ आसमानों और ज़मीनो के मालिक
🤲 ऐ अल्लाह ﷻ पहाड़ों और समन्दरों के मालिक
🤲 ऐ अल्लाह ﷻ इन्शानो और जिन्नातों के माबूद
🤲 ऐ अल्लाह ﷻ अर्श -ऐ- आज़म के मालिक
🤲 ऐ अल्लाह ﷻ फरिश्तों के माबूद
🤲 ऐ अल्लाह ﷻ इज्जत और ज़िल्लत के मालिक
🤲 ऐ अल्लाह ﷻ बिमारियों से शिफ़ा देने वाले
🤲 ऐ अल्लाह ﷻ बादशाहों के बादशाह
🤲 ऐ अल्लाह ﷻ हम तेरे गुनाहगार ख़ताकार बन्दे हैं
🤲 ऐ अल्लाह ﷻ हमारें गुनाहों को माफ़ फरमा हमारी ख़ताओं को माफ़ फरमा
🤲 ऐ अल्लाह ﷻ अपने अगले पिछले सगीरा कबीरा छोटे बड़े सभी गुनाहों और खताओं नाफरमानियों की माफ़ी मांगते हैं
🤲 ऐ अल्लाह ﷻ रब्बुल इज़्ज़त हम अपने गुनाहों से तौबा करते हैं हमारी तौबा क़ुबूल करले
🤲 ऐ अल्लाह ﷻ हम गुनाहगार हैं सियाकार हैं बदकार हैं नाफरमान हैं नाशुकरे हैं लेकिन मेरे माबूद तेरे महबूब के उम्मती हैं
🤲 ऐ अल्लाह ﷻ तेरे सिवा कोई इबादत के लायक़ नहीं हैं
🤲 ऐ अल्लाह ﷻ तेरे सिवा कोई बंदगी के लायक नहीं हैं हमारे माबूद हमारे गुनाह तेरी रहमत से बड़े नहीं हैं
🤲 ऐ अल्लाह ﷻ रहमतल्लील आलमीन के वसीले से हमें माफ़ करदे
🤲 ऐ अल्लाह ﷻ हमें गुमराही के रास्ते से हटा कर सिरातल मुस्तक़ीम के रास्ते पे चलने वाला बना दे
🤲 ऐ अल्लाह ﷻ ऐसी नमाज़ पढ़ने की तौफ़ीक़ अता कर जिस नमाज़ से तू और तेरा महबूब राज़ी हो जाये
🤲 ऐ अल्लाह ﷻ ज़िंदगी में ऐसे नेक अमल करने कि तौफ़ीक़ अता कर जिन अमालों से तू और तेरा महबूब राज़ी हो जाये
🤲 ऐ अल्लाह ﷻ हमें ऐसी ज़िन्दगी गुज़ारने की तौफ़ीक़ अता कर जिस ज़िंदगी से तू और तेरा महबूब राज़ी हो जाये
🤲 ऐ अल्लाह ﷻ हमें ईमान पे ज़िंदा रख और ईमान पे ही मौत अता कर
🤲 ऐ अल्लाह ﷻ हमें तेरे हुक्मों की फ़र्माबरदारी करने वाला बना दे
🤲 ऐ अल्लाह ﷻ हमें तेरे प्यारे हबीब आका नबी ऐ करीम हुज़ूर हज़रत मुहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु तआला अलैही वस्सल्लम के नेक और पाकीज़ा तरीकों को अपनी ज़िन्दगी में लाने वाला बना दे
🤲 ऐ अल्लाह ﷻ हमारी परेशानियों को दूर करदें
🤲 ऐ अल्लाह ﷻ जो बीमार हैं उन्हें शिफ़ा -कामिला अता फरमा
🤲 ऐ अल्लाह ﷻ जो क़र्ज़ के बोझ से दबे हुए हैं उनका क़र्ज़ जल्द से जल्द अदा करवा दे
🤲 ऐ अल्लाह ﷻ शैतान से हमारी हिफाज़त फरमा
🤲 ऐ अल्लाह ﷻ इस्लाम के दुश्मनों का मुँह काला कर और जहाँ कहीं भी मुसलमानो पर जो जुल्म सितम हो रहा है औरतो बच्चो बुर्जगों पर अल्लाह उन सब की हिफाजत फरमा उन पर रहम फरमा*_
🤲 ऐ अल्लाह ﷻ सभी मुसलमानों की परेशानियाें काे दूर फरमा और उनकी गैब से मदद कर औरतों की ईज्जत व आबरू की हिफाजत कर और तमाम मुसलमानों को दीने हक पर चलने की तौफीक अता फरमायें
🤲 ऐ अल्लाह ﷻ हमें हलाल रिज़्क़ कमाने कि तौफ़ीक़ अता फरमा
🤲 ऐ अल्लाह ﷻ ऐ पाक परवर्दिगार ऐ आलम हमें माँगना नहीं आता लेकिन तुझे देना आता हैं तू हर चीज़ पर क़ादिर हैं
🤲 ऐ अल्लाह ﷻ हमनें जो कुछ माँगा हैं अता फरमा और जो कुछ भी माँगने से रह गया हैं वो भी अता फरमा
🤲 ऐ अल्लाह ﷻ ऐ पाक परवर दिगार ऐ आलम हमारी दुआ को तेरे महबूब और हमारे हुज़ूर आका नबी ऐ करीम हज़रत मुहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहु तआला अलैही वस्सल्लम के और शहीदाने कर्बला ईमाम ऐ हुसैन रदीअल्लाहु तआला अन्हु के सदका ऐ तुफ़ैल और वसीले से कबूल और मकबूल फरमा
آمین یا رب العالمین
आमीन या रब्बुल आलमीन
اللَّهُمَّ صَلِّ عَلَى مُحَمَّدٍ وَ عَلَى آلِ مُحَمَّدٍ كَمَا صَلَّيْت عَلَى إِبْرَاهِيمَ وَعَلَى آلِ إِبْرَاهِيمَ إِنَّكَ حَمِيدٌ مَجِيد اللَّهُمَّ بَارِكْ عَلَى مُحَمَّدٍ وَّ عَلَى آلِ مُحَمَّدٍ كَمَا بَارَكْتَ عَلَى إِبْرَاهِيمَ وَعَلَى آلِ إِبْرَاهِيمَ إِنَّكَ حَمِيدٌ مَجِيدِ
اَلصَّلٰوةُ وَالسلَامُ عَلَي٘كَ يَارَسُوٌلَ الـلّٰهِ ﷺ
अगर फिर भी दुआ की कुबूलियत का असर ना दिखे तो गमगीन ना हो। क्योंकि ये भी हदीस शरीफ से साबित है की आपकी की हुवी दुआ उसी सकल में कुबूल ना हूवी हो जो आपने मांगी हैं तो, हो सकता है के वो दुआ किसी और आने वाली मुसीबत की हिफाजत बन चुकी हो। या फिर वो दुआ हमारे हक में हमारे लिए बेहतर ना हो और उसके बदले में कुछ और अता कर दिया गया हो जो हमारी नजर में ना आया हो।
इसलिए अल्लाह पाक से हर हाल में खुश रहें और दुआ को मांगना कभी भी न छोड़े। बस अपने रब से मांगते रहें और ना उम्मीद कभी भी न रहें।
क्योंकि जब भी सही वक्त होगा आपकी दुआ जरुर कुबूल भी होगी और इसका अजर भी इंशा अल्लाह बोहोत ही बेहतरीन है इसलिए दुआ की इस इबादत से आप जुड़े रहें।
दुआ कबूल होने का वक्त?
- रोजे के महीने में की जाने वाली दुआ जल्दी कबूल होती है।
- जुमा के दिन की एक ऐसी टाईम है जिसमें की हुई दुआ जल्दी कबूल होती है।
- रात के आखिरी हिस्से में यानी तहज्जुद के वक्त की जाने वाली दुआ जल्दी कबूल होती है।
- सुबह के टाइम (फज्र) की फर्ज नमाज के बाद जो दुआ मांगों जल्दी कबूल होती है।
- सजदे में की हुई दुआ जल्दी कबूल होती है।
- अजान और अकामत के बीच में दुआ मांगने पर जल्दी कबूल होती है।
- रमजान के सेहरी के वक्त मागी हुयी दुआ जल्दी कबूल होती है।
- रमजान के रोजे या कोई भी रोजा रखने की हालत में की जाने वाली दुआ जल्दी कबूल होती है।
- कुरान शरीफ के पढ़ने के बाद की हुई दुआ जल्दी कबूल होती है।
- लैलत-उल-क़द्र (laylat-ul-Qadr) की रात में मागी हुयी दुआ जल्दी कबूल होती है।
- सफर में दुआ जल्दी कबूल होती है।
- आप मरीज को जब देखने जाते हैं तो जो दुआ करें जल्दी कबूल होती है।
- बारिश के वक्त मागी हुयी दुआ जल्दी कबूल होती है।
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