islam me aurat ka maqam in hindi

औरत अलग अलग जगह, धर्म मे अलग अलग मकाम हासिल हुआ islam me aurat ka maqam in hindi
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आज हम बात करेंगे इस्लाम में औरत का क्या मकाम है है और दूसरे धर्मों में औरतों के प्रति क्या नजरिया है।

Islam me aourat ka darja
Islam me aourat ka maqam 


यूनानी कहते हैं कि औरत साँप से ज़्यादा ख़तरनाक है।

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सुकरात का कहना था कि औरत से ज़्यादा और कोई चीज़ दुनिया में फ़ित्ना व फ़साद की नहीं।

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बोना वाटियुकर का क़ौल है कि औरत उस बिच्छू की मानिंद है जो डंक मारने पर तुला रहता है।

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योहन्ना का क़ौल है कि औरत शर की बेटी है और अम्न व सलामती की दुश्मन है।

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रोमन कैथोलिक फ़िर्क़ा की तालीमात की रौ से औरत कलाम-ए-मुक़द्दस को छू नहीं सकती 

और औरत को गिरजा घर में दाख़िल होने की इजाज़त नहीं।

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ईसाइयों की सब से बड़ी हुकूमत रोमते-उल-ख़ुब्रा में औरतों की हालत लौंडियों से बदतर थी,उन से जानवरों की तरह काम लिया जाता था।

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यूरोप की बहादुर तरीन औरत जोन ऑफ़ आर्क को ज़िंदा जला दिया गया था।

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दौर-ए-जाहिलियत के अरबों में औरत को अशआर में ख़ूब रुस्वा किया जाता था और लड़कियों के पैदा होने पर उन को ज़िंदा दफ़्न कर दिया करते थे।

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अल्ह्म्दुल्लिल्लाह लेकिन इस्लाम मे मोहसिन-ए-इंसानियत,रहमतुल-लिल-आलमीन हज़रत मुहम्मद मुस्तफ़ा ﷺ ने औरत को वो मक़ाम अता फ़रमाया जो आज तक किसी मज़हब में हासिल नहीं

  1. अब अगर इस्लाम मे औरत माँ है तो उसके पाँव के नीचे जन्नत
  2. इस्लाम मे बेटी है तो बख़्शिश का ज़रिया 
  3. इस्लाम मे बीवी है तो ईमान की तकमील का ज़रिया 
  4. इस्लाम मे बहन है तो ग़ैरत का ज़रिया

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