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माहे शाअबानुल मुअज़्ज़म
रसूले करीम सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम काv फ़रमान है कि रजब अल्लाह तआला का महीना शाअबान मेरा महिना और रमज़ान मेरी उम्मत का महिना है। (अल जामेउस्सगीर, स 301, अलहदीस 4779)
शबे बराअत के फ़ज़ाईल व वज़ाईफ़
उम्मुल मोअमिनीन सय्यदा आइशा सिद्दीका रज़ियल्लाहु अन्हा से रिवायत है कि प्यारे आका व मौला सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम ने फ़रमाया अल्लाह तआला शाअबान की 15 शब (शबे बराअत) की रात में तजल्ली फ़रमाता है
और जो उससे इस्तिगफ़ार (तौबा करने वाला) करता है उसे बख्श देता है और रहमत के तलबगार पर रहम फ़रमाता है और अदावत करने वालों को जिस हाल पर है उसी पर छोड़ देता है। (अबुल ईमान जि.3 382.3835)
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अमीरुल मोअमिनीन सय्यदना मौला अली कर्रमाल्लाहु वज्जहाहुल से रिवायत है कि नबिय्ये रहमत सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम फ़रमाते हैं कि जब शाअबान की 15 वी शब आ जाए तो उस रात को कियाम (नमाज़ पढो) करो और दिन में (15 शाअबान) का रोज़ा रखो कि रब तआला गुरुबे आफ़ताब से आस्माने दुनिया पर खास तजल्ली फरमाता है
और कहता है कि है कोई मुझ से मग्फिरत तलब करने वाला कि उसे बख्श दुं है कोई रोजी तलब करने वाला कि उसे रोजी दुं है कोई मुसीबत ज़दा की उसे आफिय्यत बख्शुं है कोई ऐसा है कोई ऐसा और ये तुलुए फ़ज तक फ़रमाता है। (सुनने इब्ने माजा, जि.2, स. 160 ह. 1388)
वज़ाईफ़
لَا حَولَ وَلَا قُوَّةَ إِلَّا بِاللهِ العَلِيِّ العَظِيم.
शाबानुल मुअज्जम की 14 तारीख को बाद नमाज़े असर गुरुबे आफ़ताब के वक्त 40 बार ये कलीमात पढ़ें. लाहौला वला कुव्वता ईल्ला बील्लाहील अलीय्यील अज़ीम अल्लाह पाक इस के पढने वाले के 40 साल के गुनाह (इस से मुराद गुनाहे सगीरा है) माफ़ फ़रमाता है। 1
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शबे बराअत:- मगरीब के बाद के 6 रकाअत नफ़िल.
- 2 रकाअत दराज़िए उम्र बिल खैर
- 2 रकाअत दाफ़ेउल बलिय्यात 3) 2 रकाअत कुशादगीए रिज़्क
- हर दो रकाअत के बाद 1 बार यासीन शरीफ़ और 1 बार दुआए निस्फ़े शाअबानुल मुअज़्ज़म पढ़ें .
साल भर जादु से हिफ़ाज़त:-
शाअबान की 15 वी रात बेरी के सात पत्ते पानी में जोश देकर गुस्ल करें तो इन्शाअल्लाह तमाम साल जादु असर से महफुज रहेंगे। (इस्लामी जि.स. 113 )
नफ़्ल रोज़ा
जो शख्स 15 शाअबान का रोज़ा रखेगा रब तआला उसके 50 साल के गुनाह माफ़ फ़रमाएगा।
नोट:- 15 शाअबान के साथ 14 शाअबान का भी रोज़ा रखें तो बेहतर है कि इस दिन साल भर के आमाल अल्लाह तआला की बारगाह में पेश होते हैं ।
मिन जानिब:- मौलाना गुलाम जीलानी रज्वी
मोबाइल नम्बर:- 9009517862
Mahe Shabanul Muazzam
Rasool Kareem Sallallahu Alaihi Wasallam says that the month of Rajab Allah Ta'ala, Sha'aban is my month and Ramadan is the month of my Ummah. (al-jameusgir, s 301, hadith 4779)
Shabe Bara'at's Fazail and Wazaif
It is narrated from Ummul Momineen Sayyida Aisha Siddiqah Raziallahu Anha that the beloved Master and Maula Sallallahu Alaihi Wasallam said that Allah Ta'ala descends on the night of 15th Shab (Shabe Bara'at) and forgives the one who repents from it.
He is merciful and shows mercy to those who seek mercy and leaves the enemies in the same condition as they are. (Abul Iman Dist.3 382.3835)
It is narrated from Ameerul Mu'minin Syedna Maula Ali Karramallahu Wajjahaul that the Prophet (peace and blessings of Allaah be upon him) said that when the 15th night of Sha'aban comes,
do Qiyam (offer prayer) that night and fast during the day (15th Sha'aban) The Guru shines a special light on the world from Aftab to the sky and says that there is someone who asks for forgiveness from me that I forgive him,
someone who asks for livelihood, that I give him livelihood, someone has caused trouble, I have spared his health, someone like this, someone like that. And it extends till Tulu Faj. (Sunne Ibn Majah, Vol.2, S. 160 H. 1388)
wazaif
لَا حَولَ وَلَا قُوَّةَ إِلَّا بِاللهِ العَلِيِ العَظِيم.
Recite this kalimat 40 times on the 14th of Shabanul Muazzam after Namaz Asr Gurubey Aftab. Lahaula wala kuwwata illa billaheel aliyil azeem Allah Pak forgives the sins of 40 years of the reader of this 1
Shabe Bara'at:- 6 Rak'ats after Maghrib Nafil.
1) 2 Rakaat Darziye Age Bill Khair
2) 2 Rakaat Dafeul Baliyat 3) 2 Rakaat Kushadgee Rizk
After every two rak'ahs, recite Yaseen Sharif once and Dua Nisfe Shabanul Muazzam once.
Protection from magic throughout the year: -
On the 15th night of Sha'aban, if seven leaves of berry are taken with enthusiasm in water, then inshallah all the years will be magical.
Will be safe from the effect. (Islamic Jis. 113)
Nafl Roza
The person who fasts on 15th Sha'aban, Allah will forgive his sins of 50 years. Note:- It is better to fast on 14th Shaaban along with 15th Shaaban, so that on this day the deeds of the whole year are presented in the court of Allah Ta'ala.
Min Janib:- Maulana Ghulam Jilani Razvi
Mobile Number:- 9009517862
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