shabe barat ki fazilat

shabe barat ki fazilat, shab e barat ki fazilat in hindi, shab e barat ki fazilat hadees, shab e barat ki fazilat in urdu pdf, shab e meraj ki fazilat hindi me, shab e barat 2022, shab e barat 2022 in india, shaban ki fazilat in urdu, shaban ki fazilat pdf

शबे बरात की नफ़्ल नमाज़े 

2 रकात नफ्ल तहय्यतुल वज़ू पढ़िए । 

तरकीब :- हर रकात में अल्हम्द के बाद 1 बार  आयतल कुर्सी , 3 बार कुलहुवल्लाहु अहद । 

फजीलत :- हर कतरा पानी के बदले 700 रकात नफ्ल का सवाब मिलेगा ।

2 रकात नफ्ल नमाज़

 तरकीब :- हर रकात में अल्हम्द के बाद 1 बार आयतल कुर्सी , 15 बार  कुलहुवल्लाहु अहद , सलाम के बाद 100 बार दरूद शरीफ । 

फजीलत :- रोजी में बरकत होगी , रंज व गम से नजात , गुनाहों की ख़्शिश , मफिरत होगी । 


8 रकात नफ्ल नमाज़

तरकीब : ( दो - दो करके ) हर रकात में अल्हम्द के बाद 5 बार कुलहुवल्लाहु  अहद पढ़ें ।

 फजीलत : गुनाहों से पाक व साफ़ होगा , दुआएँ क़ुबूल होगी , सवाबे अज़ीम होगा । 

shabe barat ki fazilat, shab e barat ki fazilat in hindi, shab e barat ki fazilat hadees, shab e barat ki fazilat in urdu pdf, shab e meraj ki fazilat hindi me, shab e barat 2022, shab e barat 2022 in india, shaban ki fazilat in urdu, shaban ki fazilat pdf


12 रकात नफ्ल नमाज़ ( दो - दो करके )

 तरकीब : हर रकात में अल्हम्द के बाद 10 बार कुलहुवल्लाहु अहद 12 रकात पढ़ने के बाद 10 बार कलमए तौहीद , 10 बार कलमए तमजीद , 10 बार दरूद शरीफ । 


14 रकात  नफ्ल नमाज़  ( दो दो करके ) 

तरकीब : हर रकात में अल्हम्द के बाद जो सूरह चाहें पढ़े । 

फजीलतः जो भी दुआ मांगे कुबूल होगी । 


4 रकात नफ्ल नमाज़ ( एक सलाम से )

 तरकीब : हर रकात में अल्हम्द के बाद 50 क़ुलहुवल्लाहु  अहद । 

फजीलत : गुनाहों से ऐसे पाक हो जायेगा जैसे अभी माँ के पेट से पैदा हुआ हो । 


8 रकात नफ्ल नमाज़ ( एक सलाम से ) 

तरकीब : हर रकात में  अल्हम्द के बाद 11 बार कुलहुवल्लाहु  अहद इसका सवाब ख़ातूने जन्नत हज़रत फातेमातुज जोहरा रदी अल्लाहु तआला अन्हा को नज्र करें ।

 फज़ीलतः आप फरमाती हैं कि नमाज़ पढ़ने वाले की शफाअत किए बिना जन्नत में कदम न रखूँगी । 


रोजे की फजीलत

 हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम फरमाते हैं कि जिसने शाबान में एक दिन रोजा रखा उसको मेरी शफाअत हलाल हो गई ।

एक और हदीस शरीफ है कि हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम फरमाते है कि जो शख़्स शाबान की 15 तारीख को रोज़ा रखेगा उसे जहन्नम की आग न छूएगी । 

shabe barat ki fazilat, shab e barat ki fazilat in hindi, shab e barat ki fazilat hadees, shab e barat ki fazilat in urdu pdf, shab e meraj ki fazilat hindi me, shab e barat 2022, shab e barat 2022 in india, shaban ki fazilat in urdu, shaban ki fazilat pdf

फज़ाएले शबे बरात


मुबारक रात लेकर आज पैगामे निजात आई । 
इबादत के लिए जो सबसे बेहतर है वो रात आई 

शबे बरात वो अजमत व बरकत वाली रात है जिसमे बंदों के आमाल रब तआला की बारगाह में पेश किए जाते हैं इस रात में इबादत करने वालों पर रहमते इलाही की बारिश होती है 
इस रात में साल भर में पैदा होने वाले और मरने वालों का नाम लिखा जाता है कौन कितने दिन जिंदा रहेगा, कौन कहां मरेगा, किसको कितना रिज्क मिलेगा यानी फरिश्ते लौहे महफूज से साल भर के होने वाले वाकेयात इस रात लिख कर उन फरिश्तों को दे देते हैं जिनके जिम्मे जो काम है। 
मरने वालों की फेहरिस्त हजरत मलकुल मौत और पैदा होने वालों की फेहरिस्त बच्चा बनाने वाले फरिश्तों को और रिज्कों की फेहरिस्त हजरत मिकाईल को दे दी जाती है ।
 इस रात में अल्लाह तआला अपने बंदों पर खास तवज्जह फरमाता है और अपनी रहमत से बेशुमार बंदों को दोजख से आजाद फरमाता है
 और रात भर उसकी रहमत गुनहगारों को पुकार पुकार कर कहती है के है कोई माअफी मांगने वाला के मैं उसको बख्शदूं , है कोई रोजी मांगने वाला के मैं उसको रोजी दूं , है कोई बीमार के मैं उसे शिफा दूं , है कोई बला से निजात चाहने वाला के मैं उसे आफियत दूं , ये सिलसिला सुबह तक जारी रहता है (मिश्कात) 
इस रात में अल्लाह तआला काहिन, जादूगर, शराबी, जानी और मां – बाप के नाफरमान को छोंड कर बांकी तमाम मुसलमानों को बख्श देता है , वो बंदे खुशनसीब हैं जो इस रात में इबादत करते और अपने दामनों को रब की नेयमतों से भरते हैं ।

शबे बरात की इबादत

एक मरतबा हजरत ईसा अलैहिस्सलाम पहाड़ी की सैर फरमा रहे थे के एक खूबसूरत चट्टान नजर आई तो आप हैरत से उसको देखने लगे तो रब तअला ने फरमाया ऐ ईसा क्या तुम इस चट्टान के अंदर की चीज देखना चाहते हो आप ने अर्ज की 
ऐ रब जरूर दिखा दे फौरन वो चट्टान फट गई तो हजरत ईसा ने देखा के एक नूरानी शख्स नमाज पढ़ रहा है पूछने पर उसने कहा के मैं हजरत मूसा का उम्मती हूं मैने अल्लाह से इबादत के लिए अलग जगह मांगी थी और मैं चार सौ साल से इस जगह इबादत कर रहा हूं ये सुनकर हजरत ईसा बहुत मसरूर हुए और अर्ज की 
ऐ रब इससे ज़्यादा कौन सवाब जमा किया होगा रब तअला का इरशाद हुआ ऐ ईसा मेरे महबूब का जो उम्मती शबे बरात में दो रकाअत नफिल पढ़ेगा उसको इस चार सौ साल के इबादत से ज्यादा सवाब मिलेगा ।

1. मगरिब के बाद दो रकाअत नफिल दराजिए उम्र की नियत से पढ़े सलाम फेरने के बाद एक बार सूरह यासीन पढ़े फिर दो रकाअत उसअते रिज्क के लिए पढ़े सलाम के बाद एक बार सूरह यासीन पढ़े उसके बाद दो रकाअत नफिल दाफए अमराज व बलियात की नियत से पढ़े सलाम फेरने के बाद सूरह यासीन एक बार पढ़ कर शबे बरात की दुआ पढ़े।

2. रसूले पाक ने फरमाया जो शख्स इस रात में सौ रकाअत नफिल पढ़ेगा तो रब तआला उसके पास सौ फरिश्ते भेजेगा जिसमे तीस फरिश्ते जन्नत की खुशखबरी सुनाएंगे, तीस फरिश्ते दोजख के अजाब से महफूज रखेंगे, तीस फरिश्ते दुनिया की आफतैं दूर करेंगे । दस फरिश्ते शैतान के फरेब से बचाएंगे (तफसीरे कबीर) ।

3. चार रकाअत नफिल एक सलाम से पढ़े हर रकाअत में सूरए इखलास पच्चास बार पढ़े तो इस तरह गुनाहों से पाक हो जायेगा जैसा की मां के पेट से आया था ।

4. चौदह रकाअत नफिल सात सलाम से पढ़े हर रकाअत में सूरए फतेहा के बाद जो सूरह चाहे पढ़े सलाम फेरने के बाद सौ मरतबा दरूद शरीफ पढ़ कर जो भी दुआ मांगे कुबूल होगी।

5. दो रकाअत नफिल इस तरह से पढ़े के हर रकाअत में अलहमदो के बाद आयतुल कुर्सी एक बार और सूरए इखलास पंद्रह बार सलाम के बाद दरूद शरीफ सौ बार पढ़े तो रिज्क में उसअत होगी, गुनाहों की मगफिरत होगी परेशानियों से निजात मिलेगी ।

6. जो शख्स इस रात में शब्बेदारी करे फिर दिन में रोज़ा रखे तो गुजरे हुऐ दो साल और आने वाले दो साल के रोज़े का सवाब मिलेगा ।   

7. हजरत मोहसिने मिल्लत फरमाते हैं की जो कोई शबे बरात में बैरी के पत्ते को पानी में डाल कर पानी को उबाल कर उससे नहाएगा तो जादू, टोना, खबीस , जिन वगैरह के असर से महफूज रहेगा।

8. शबे बरात में हजरत अवैस करनी रदिअल्लाहो तआला अन्हों और अपने घर के तमाम मरहूमीन के नाम से फतेहा दिलाएं औलिया ए केराम के मजारात पर हाजरी दें और कब्रस्तान फतेहा पढनें जाएं।

अल्लाह अज़्ज़ावाजल रसूले पाक सल्लल्लाहो तआला अलैहे वसल्लम के सदके में तमाम मुसलमानों को शबे बरात में ज्यादा से ज्यादा इबादत करने की तौफीक अता फरमाए और हमारी इज्जत व आबरू जान व माल की हिफाजत फरमाए और हमारे मरहूमीन की मगफिरत फरमाए आमीन या रब्बल आलामीन।


shabe baraat kee nafl namazen

2 rakaat nafil tahayyatul wazu padhie.

 tarakeeb :- har rakaat mein alhamd ke baad 1 baar aayatal kursee, 3 baar kulahuvallaahu ahad. 

Fazilat :- har katara paanee ke badale 700 rakaat naphl ka savaab milega. 

2 rakaat nafil namaz 

tarakeeb :- har rakaat mein alhamd ke baad 1 baar aayatal kursee, 15 baar kulahuvallaahu ahad, salaam ke baad 100 baar darood shareeph. 

Fazilat :- rozi mein barakat hogee, ranj va gam se najaat , gunaahon kee khshish, maphirat hogee.


 8 rakaat nafil namaz ( do - do karake ) 

tarakeeb :  har rakaat mein alhamd ke baad 5 baar kulahuvallaahu ahad padhen.

Fazilat : gunaahon se paak va saaf hoga, duaen qubool hogee , sawab e azeem hoga. 

12 rakaat nafil namaz ( do - do karake )

 tarakeeb : har rakaat mein alhamd ke baad 10 baar kulahuvallaahu ahad 12 rakaat padhane ke baad 10 baar kalame tauheed, 10 baar kalame tamajeed, 10 baar darood shareeph. 

14 rakaat nafil namaz ( do - do karake ) 

tarakeeb : har rakaat mein alhamd ke baad jo soorah chaahen padhe. phajeelatah jo bhee dua maange kubool hogee. 

4 rakaat nafil namaz ( ek salaam se )

 tarakeeb : har rakaat mein alhamd ke baad 50 qulahuvallaahu ahad.

Fazilat : gunaahon se aise paak ho jaayega jaise abhee maan ke pet se paida hua ho.

8 rakaat nafil namaz ( ek salaam se )

 tarakeeb : har rakaat mein alhamd ke baad 11 baar kulahuvallaahu ahad isaka savaab khaatoone jannat hazarat fatematuz zohara radee allaahu taaala anha ko nazar karen. 

Faziat : aap pharamaatee hain ki namaaz padhane vaale kee shaphaat kie bina jannat mein kadam na rakhoongee. 


roze kee fazilat 

huzoor sallallaahu taaala alaihi vasallam pharamaate hain ki jisane shaabaan mein ek din roja rakha usako meree shafat halaal ho gaee. 

ek aur hadis sharif hai ki huzoor sallallaahu taaala alaihi vasallam farmate hai ki jo shakhs shaabaan kee 15 taareekh ko roza rakhega use jahannam kee aag na chhooegee.

shabe barat ki fazilat, shab e barat ki fazilat in hindi, shab e barat ki fazilat hadees, shab e barat ki fazilat in urdu pdf, shab e meraj ki fazilat hindi me, shab e barat 2022, shab e barat 2022 in india, shaban ki fazilat in urdu, shaban ki fazilat pdf

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ