Ruhani Takat Badhane Ka Amal

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  1. Ruhani Takat Badhane Ka Amal रूहानी ताकत बढ़ाने का अमल।     
  2. Mohabbat Ka Rohani Amal, मोहब्बत का रूहानी अमल।
  3. Teesri Aankh Kholne Ka Rohani Amal, तीसरी आंख खोलने का रूहानी अमल।
  4. Amal E Rohani Aajayabat अमल ए रूहानी अजायबात।

Ruhani Takat Badhane Ka Amal

रूहानी ताकत बढ़ाने का अमल

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Ruhani Takat Badhane Ka Amal

रूहानी ताकत खुदा का दिया हुआ तोहफा है, इस इल्म से हम दुनियां में कुछ भी हासिल कर सकते हैं।

आज हम आपको अमल ए रूहानी अजायबात और मोहब्बत का रूहानी अमल बता रहे है।

हम आपको तीसरी आंख खोलने का रूहानी अमल भी बतायेंगे।

Ruhani Takat Badhane Ka Amal

दोस्तों अक्सर लोग हमें अपने मैसेज भेजते है और जानना चाहते है आखिर क्यों उनके जरिए किए गए अमल जल्दी असर नहीं करते? 

क्या अल्लाह उनसे किसी बात से नाराज़ हो गया है या फिर उन्होंने कोई गलत तरीका़ अपनाया है।

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(1) Husband wife mohabbat Dua

(2) Sir dard door karne ke liye Qurani dua

(3) Wazifa keya hai

तो दोस्तों आपको बता दे किसी भी तरह के अमल, वजीफा या दुआ का असर तभी होता है।

जब आप साफ पाक नियत के साथ उसे आज़माए। 

अपनी नियत को साफ रखने के लिए आप रूहानी ताकत बढ़ाने का अमल अपना सकते है।

Ruhani Takat Badhane Ka Amal रूहानी ताकत बढ़ाने का अमल

अक्सर हम केवल ऊपरी तौर पर शरीर के हिस्सों को साफ सुथरा कर लेते हैं।

और समझते है कि हमारी नियत इससे जायज़ हो जाएगी लेकिन ऐसा नहीं है।

 आपको अपने शरीर के साथ-साथ रूह को भी पाक करना होगा।

जिसके लिए आप रूहानी ताकत बढ़ाने का अमल की मदद ले सकते है।

रूहानी ताकत बढ़ाने का अमल के लिए (5) पाँचों वक्त की नमाज की पाबंदी सबसे ज़्यादा ज़रूरी है। 

जो शख्स पाँचों टाइम की नमाज़ नेक नियत के साथ अदा करता है।

 उसकी रूह पाक हो जाती है और उनके ऊपर अल्लाह ताला की रहमत भी बनी रहती है।

रूहानी ताकत बढ़ाने का अमल के लिए आपको हर जुमा को मस्जिद जाना है।

 और सज्दे में जाकर अपने गुनाहों की माफी मांगनी है। 

यह माफी आपको अपने दिल से मांगनी है और यदि इस दौरान आपकी आँखों से आँसू निकल जाए।

तो समझ जाए कि आपकी दुआ कबूल होने वाली है। 

आँसू निकलने का मतलब यही होता है कि आपको अपने किए गुनाहों का पछतावा हो रहा है।

मोहब्बत का रूहानी अमल – Mohabbat Ka Rohani Amal, 

मोहब्बत का रूहानी अमल

आज के समय में युवा दो जिस्मों के आकर्षण को ही मोहब्बत समझ लेते है।

 युवा अवस्था में विपरीत लिंग के व्यक्ति के प्रति आकर्षण एक आम बात है।

 लेकिन उसे मोहब्बत का नाम नहीं दिया जा सकता। 

ये जिस्मानी मोहब्बत कुछ दिन ही चलती है और एक बार जिस्म की भूख शांत हो जाने के बाद खत्म हो जाती है।


ऐसे में जो व्यक्ति किसी के जिस्म की बजाय उसकी रूह से मोहब्बत करता है।

उसकी कोई कद्र नहीं करता और वह अपने दिल की बात कहने में भी डरता है। 

ऐसे समय पर आप मोहब्बत का रूहानी अमल अपना सकते है। 

यदि किसी व्यक्ति से आप बिना स्वार्थ के सच्चे दिल से मोहब्बत करते हैं।

तो यकीनन मोहब्बत का रूहानी अमल आपके बेहद काम आएगा।

Mohabbat Ka Rohani Amal

मोहब्बत का रूहानी अमल करने का तरीका

मोहब्बत का रूहानी अमल करने  की शुरूआत में आपको (3) तीन बार दुरूद ए पाक पढ़ना है। 

इसके बाद अपने प्रेमी/प्रेमिका की तस्वीर सामने रख सूरह फातिहा 121 एक सौ इक्कीस मरतबा पढ़ना है। 

मोहब्बत का रूहानी अमल के लिए अब तीन (3) बार अपनी मोहब्बत का नाम ले और पानी पर दम करें।

इसके बाद (41) इकतालिस  बार आपको सुरह इख्लास पढ़ना है ।

और मोहब्बत का रूहानी अमल के लिए पानी में दम करके पी जाए।

आखिर में आपको फिर से तीन (3) बार दुरूद ए पाक पढ़ना है। 

मोहब्बत का रूहानी अमल आपको जुमे की पहली रात को पढ़ना है।

कुछ रोज़ तक यह मोहब्बत का रूहानी अमल अपनाने से इंशाल्लाह आपका प्यार आपके पास दौड़ा चला आएगा।

 ध्यान रखिए इस बात की खबर किसी दूसरे शख्स को नहीं होनी चाहिए कि आप मोहब्बत का रूहानी अमल पढ़ रहें हैं।

तीसरी आंख खोलने का रूहानी अमल – Teesri Aankh Kholne Ka Rohani Amal, 

तीसरी आंख खोलने का रूहानी अमल

बेहद ही खास और अनमोल है इसकी मदद से आप आसानी से सही और गलत में फैसला कर सकते है। 

अक्सर ज़िन्दगी में ऐसा होता है कि हम किसी मोड़ पर आकर अटक जाते है।

 और उसके बाद समझ नहीं आता कि आखिर हमें किस दिशा में जाना चाहिए।


ऐसे में समय में ये तीसरी आँख आपकी मदद कर सकती है। 

इसके अलावा कई बार सामने वाला व्यक्ति बड़ी मीठी-मीठी बाते करता है और हम उसकी बातों में आ भी जाते है। 

तीसरी आँख खोलने का रूहानी अमल की मदद से आप गलत और ढोंगी व्यक्तियों की आसनी से पहचान कर सकते है। 

Teesri Aankh Kholne Ka Rohani Amal

रूहानी आँख को बातिनी आँख भी कहते है, जो हमें सही राह पर लेकर जाती है। 

कई बार ऐसा होता है कि हम जीवन में बिल्कुल अकेले पड़ जाते है। 

यदि हमे किसी तरह की सलाह की ज़रूरत तो भी कोई आस पास नज़र नहीं आता। 

ऐसे समय पर आप अपनी तीसरी आंख खोलने का रूहानी अमल की मदद ले सकते है। 

तीसरी आँख हमारी मन की बात दर्शाती है, जो सीधे हमें अल्लाह से जोड़ती है।


कई बार ऐसा भी देखा गया है कि तीसरी आँख खोलने के रूहानी अमल के बाद लोगों को अचानक अल्लाह-अल्लाह की आवाज़े सुनाई देने लगती है।

 ऐसा केवल अल्लाह के नेक बंदो के साथ ही होता है, जिनकी नियत और दिल एक दम पाक साफ होता है। 

तीसरी आंख खोलने का रूहानी अमल के लिए आप किसी बड़े आलिम,आमिल से भी संपर्क कर सकते है।

अमल ए रूहानी अजायबात – Amal E Rohani Aajayabat, 

अमल ए रूहानी अजायबात

की मदद से आप अपने जीवन में आने वाली सभी मुश्किलों का सामना कर सकते है। 

कई बार हमारी ज़िन्दगी में ऐसी परेशानी आ जाती है, जिनका सामना करना बहुत मुश्किल हो जाता है।

 उस समय ऐसा लगता है कि या तो ये दुनिया खत्म हो जाए

 या फिर अल्लाह जल्द से जल्द हमें अपने पास बुला ले।


लेकिन इस दुनियां में सभी लोग  की उम्र तय है और जो भी होता है

 सब अल्लाह की मर्जी से ही होता है। 

अल्लाह की मर्जी के बिना इस कायनात पर एक पत्ता भी नहीं हिल सकता। 

अपनी ज़िन्दगी में आने वाली परेशानियों को दूर करने के लिए अमल ए रूहानी अजायबात की मदद ले सकते है।


Amal E Rohani Aajayabat

अमल ए रूहानी अजायबात में आज हम आपको एक ऐसा वजीफा बता रहे है।

जिसे पढ़कर आपकी रूह को बेहद सुकून मिलेगा, साथ ही आपके अपनी परेशानियों का हल भी मिल जाएगा।

 जब भी आप बेहद परेशान हो, या फिर तकलीफ में हो यह अमल ए रूहानी अजायबात पढ़ सकते है। 

अमल ए रूहानी अजायबात का वजीफा इस प्रकार है-

या हय्यू, या क़य्यूम


दोस्तों यह वजीफा अगर आप अल्लाह की रहमत पर भरोसा रख कर पढ़ते है तो इंशाल्लाह आपको जरूर फायदा मिलेगा।

 इस वजीफे की खास बात ये है कि इसे आप किसी भी समय और कितनी भी बार पढ़ सकते है।


अगली बार आप जब भी किसी परेशानी या तनाव में हो तो बस कुछ देर आँखें बंद करके ये अमल ए रूहानी अजायबात पढ़े।

आपको कोई ना कोई रास्ता जरूर मिल जाएगा।

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roohaani taakat khuda ka diya hua tohafa hai, 
is ilm se ham duniya me kuchh bhi haasil kar sakate hain.

aaj ham aap ko amal e roohaanee ajaayabaat 
aur mohabbat ka roohaanee amal bata rahe hai.

ham aapako teesaree aankh kholane ka ruhani amal bhi bataynge.

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doston aksar log hame apne massage bhejate hai.
aur jaanana chaahate hai aakhir kyon unake jariye kiye gaye amal jaldi asar nahin karate? 

keya allaah unse kisi baat se naaraaz ho gaya hai.
 ya phir unhonne koi galat tarika apnaya hai.


to doston aap ko bata de kisi bhee tarah ke amal, vajeepha ya dua ka asar tabhee hota hai.

jab aap saaph paak niyat ke saath use aazamae. 

apani niyat ko saaf rakhne ke liye aap ruhani taakat badhaane ka amal apana sakte hai.

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aksar ham kewal oopri taur par sharir ke hisson ko saaf suthara kar lete hain.

aur samajhate hai ki hamare niyat is se jaayaz ho jaegee lekin aisa nahin hai.

 aap ko apane shareer ke saath-saath rooh ko bhee paak karana hoga.

jisake liye aap roohaanee taakat badhaane ka amal kee madad le sakate hai.

roohaanee taakat badhaane ka amal ke liye (5) paanchon time kee namaz ki pabandi sab se zeyada zaroori hai. 

jo shakhs paanchon time ki namaz nek niyat ke saath ada karta hai.

 uuski rooh paak ho jaati hai
 aur un ke oopar allaah taala kee rahamat bhee banee rahatee hai.

roohaanee taakat badhaane ka amal ke liye aap ko har juma ko masjid jaana hai.

 aur sajde mein jaa kar apne gunaahon kee maafi mangani hai. 

yah mafi aap ko apane dil se maangni hai.
aur yadi is dauraan aap ki aankhon se aansoo nikal jaye.

to samajh jayen ki aap ki dua Qabool hone wali hai. 

aansoo nikalne ka matalab yahee hota hai 
ki aap ko apne kiye gunaahon ka pachhatawa ho raha hai.

mohabbat ka ruhani amal – 

aaj ke samay mein yuwa do jismon ke attraction ko hi mohabbat samajh lete hain.

 yuva avastha mein vipareet ling ke vyakti ke prati aakarshan ek aam baat hai.

 lekin use mohabbat ka naam nahin diya ja sakata. 

ye jismani mohabbat kuchh din hee chalatee hai 
aur ek baar jism kee bhookh shaant ho jaane ke baad khatm ho jaatee hai.


aise mein jo vyakti kisee ke jism kee bajaay usakee rooh se mohabbat karta hai.

us ki koi kadr nahin karta aur wah apane dil ki baat kahne mein bhi darta hai. 

aise samay par aap mohabbat ka roohani amal apna sakte hain. 

yadi kisee vyakti se aap bina swaarth ke sachche dil se mohabbat karte hain.

to yakeenan mohabbat ka ruhani amal aapake be had kaam aayega.

mohabbat ka roohaanee amal karane ka tareeka

mohabbat ka ruhani amal karane kee shurooaat mein aapako (3) teen baar durood e paak padhna hai. 

isake baad apane premee/premika ki photo saamne rakh kar soorah faatiha 121 marataba padhna hai. 

mohabbat ka roohaanee amal ke liye ab teen (3) baar apni mohabbat ka name len aur pani par dam karen.

isake baad (41) ikataalis baar aapako surah ikhlaas padhana hai .

aur mohabbat ka roohani amal ke liye paanee mein dam karake pee jaye.

aakhir mein aap ko phir se teen (3) baar durood e paak padhana hai. 

mohabbat ka roohaanee amal aapako jume kee pahalee raat ko padhana hai.

kuchh roz tak yah mohabbat ka roohani amal apanaane se inshaallaah aap ka pyaar aapake paas dauda chala aaeyga.

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 ki aap mohabbat ka roohaanee amal padh rahen hain.

teesaree aankh kholane ka roohaanee amal 


behad hee khaas aur anamol hai iski madad se aap 
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aise mein samay mein ye tisri aankh aap ki madad kar sakatee hai. 

isake alaava kai baar saamne vaala vyakti badee meethee-meethee baate karata hai 
aur ham usakee baaton mein aa bhee jaate hai. 

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amal e roohaanee ajaayabaat – amal ai rohani aajayabat, 

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