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- Ruhani Takat Badhane Ka Amal रूहानी ताकत बढ़ाने का अमल।
- Mohabbat Ka Rohani Amal, मोहब्बत का रूहानी अमल।
- Teesri Aankh Kholne Ka Rohani Amal, तीसरी आंख खोलने का रूहानी अमल।
- Amal E Rohani Aajayabat अमल ए रूहानी अजायबात।
Ruhani Takat Badhane Ka Amal
रूहानी ताकत बढ़ाने का अमल
रूहानी ताकत खुदा का दिया हुआ तोहफा है, इस इल्म से हम दुनियां में कुछ भी हासिल कर सकते हैं।
आज हम आपको अमल ए रूहानी अजायबात और मोहब्बत का रूहानी अमल बता रहे है।
हम आपको तीसरी आंख खोलने का रूहानी अमल भी बतायेंगे।
Ruhani Takat Badhane Ka Amal
दोस्तों अक्सर लोग हमें अपने मैसेज भेजते है और जानना चाहते है आखिर क्यों उनके जरिए किए गए अमल जल्दी असर नहीं करते?
क्या अल्लाह उनसे किसी बात से नाराज़ हो गया है या फिर उन्होंने कोई गलत तरीका़ अपनाया है।
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तो दोस्तों आपको बता दे किसी भी तरह के अमल, वजीफा या दुआ का असर तभी होता है।
जब आप साफ पाक नियत के साथ उसे आज़माए।
अपनी नियत को साफ रखने के लिए आप रूहानी ताकत बढ़ाने का अमल अपना सकते है।
Ruhani Takat Badhane Ka Amal रूहानी ताकत बढ़ाने का अमल
अक्सर हम केवल ऊपरी तौर पर शरीर के हिस्सों को साफ सुथरा कर लेते हैं।
और समझते है कि हमारी नियत इससे जायज़ हो जाएगी लेकिन ऐसा नहीं है।
आपको अपने शरीर के साथ-साथ रूह को भी पाक करना होगा।
जिसके लिए आप रूहानी ताकत बढ़ाने का अमल की मदद ले सकते है।
रूहानी ताकत बढ़ाने का अमल के लिए (5) पाँचों वक्त की नमाज की पाबंदी सबसे ज़्यादा ज़रूरी है।
जो शख्स पाँचों टाइम की नमाज़ नेक नियत के साथ अदा करता है।
उसकी रूह पाक हो जाती है और उनके ऊपर अल्लाह ताला की रहमत भी बनी रहती है।
रूहानी ताकत बढ़ाने का अमल के लिए आपको हर जुमा को मस्जिद जाना है।
और सज्दे में जाकर अपने गुनाहों की माफी मांगनी है।
यह माफी आपको अपने दिल से मांगनी है और यदि इस दौरान आपकी आँखों से आँसू निकल जाए।
तो समझ जाए कि आपकी दुआ कबूल होने वाली है।
आँसू निकलने का मतलब यही होता है कि आपको अपने किए गुनाहों का पछतावा हो रहा है।
मोहब्बत का रूहानी अमल – Mohabbat Ka Rohani Amal,
मोहब्बत का रूहानी अमल
आज के समय में युवा दो जिस्मों के आकर्षण को ही मोहब्बत समझ लेते है।
युवा अवस्था में विपरीत लिंग के व्यक्ति के प्रति आकर्षण एक आम बात है।
लेकिन उसे मोहब्बत का नाम नहीं दिया जा सकता।
ये जिस्मानी मोहब्बत कुछ दिन ही चलती है और एक बार जिस्म की भूख शांत हो जाने के बाद खत्म हो जाती है।
ऐसे में जो व्यक्ति किसी के जिस्म की बजाय उसकी रूह से मोहब्बत करता है।
उसकी कोई कद्र नहीं करता और वह अपने दिल की बात कहने में भी डरता है।
ऐसे समय पर आप मोहब्बत का रूहानी अमल अपना सकते है।
यदि किसी व्यक्ति से आप बिना स्वार्थ के सच्चे दिल से मोहब्बत करते हैं।
तो यकीनन मोहब्बत का रूहानी अमल आपके बेहद काम आएगा।
Mohabbat Ka Rohani Amal
मोहब्बत का रूहानी अमल करने का तरीका
मोहब्बत का रूहानी अमल करने की शुरूआत में आपको (3) तीन बार दुरूद ए पाक पढ़ना है।
इसके बाद अपने प्रेमी/प्रेमिका की तस्वीर सामने रख सूरह फातिहा 121 एक सौ इक्कीस मरतबा पढ़ना है।
मोहब्बत का रूहानी अमल के लिए अब तीन (3) बार अपनी मोहब्बत का नाम ले और पानी पर दम करें।
इसके बाद (41) इकतालिस बार आपको सुरह इख्लास पढ़ना है ।
और मोहब्बत का रूहानी अमल के लिए पानी में दम करके पी जाए।
आखिर में आपको फिर से तीन (3) बार दुरूद ए पाक पढ़ना है।
मोहब्बत का रूहानी अमल आपको जुमे की पहली रात को पढ़ना है।
कुछ रोज़ तक यह मोहब्बत का रूहानी अमल अपनाने से इंशाल्लाह आपका प्यार आपके पास दौड़ा चला आएगा।
ध्यान रखिए इस बात की खबर किसी दूसरे शख्स को नहीं होनी चाहिए कि आप मोहब्बत का रूहानी अमल पढ़ रहें हैं।
तीसरी आंख खोलने का रूहानी अमल – Teesri Aankh Kholne Ka Rohani Amal,
तीसरी आंख खोलने का रूहानी अमल
बेहद ही खास और अनमोल है इसकी मदद से आप आसानी से सही और गलत में फैसला कर सकते है।
अक्सर ज़िन्दगी में ऐसा होता है कि हम किसी मोड़ पर आकर अटक जाते है।
और उसके बाद समझ नहीं आता कि आखिर हमें किस दिशा में जाना चाहिए।
ऐसे में समय में ये तीसरी आँख आपकी मदद कर सकती है।
इसके अलावा कई बार सामने वाला व्यक्ति बड़ी मीठी-मीठी बाते करता है और हम उसकी बातों में आ भी जाते है।
तीसरी आँख खोलने का रूहानी अमल की मदद से आप गलत और ढोंगी व्यक्तियों की आसनी से पहचान कर सकते है।
Teesri Aankh Kholne Ka Rohani Amal
रूहानी आँख को बातिनी आँख भी कहते है, जो हमें सही राह पर लेकर जाती है।
कई बार ऐसा होता है कि हम जीवन में बिल्कुल अकेले पड़ जाते है।
यदि हमे किसी तरह की सलाह की ज़रूरत तो भी कोई आस पास नज़र नहीं आता।
ऐसे समय पर आप अपनी तीसरी आंख खोलने का रूहानी अमल की मदद ले सकते है।
तीसरी आँख हमारी मन की बात दर्शाती है, जो सीधे हमें अल्लाह से जोड़ती है।
कई बार ऐसा भी देखा गया है कि तीसरी आँख खोलने के रूहानी अमल के बाद लोगों को अचानक अल्लाह-अल्लाह की आवाज़े सुनाई देने लगती है।
ऐसा केवल अल्लाह के नेक बंदो के साथ ही होता है, जिनकी नियत और दिल एक दम पाक साफ होता है।
तीसरी आंख खोलने का रूहानी अमल के लिए आप किसी बड़े आलिम,आमिल से भी संपर्क कर सकते है।
अमल ए रूहानी अजायबात – Amal E Rohani Aajayabat,
अमल ए रूहानी अजायबात
की मदद से आप अपने जीवन में आने वाली सभी मुश्किलों का सामना कर सकते है।
कई बार हमारी ज़िन्दगी में ऐसी परेशानी आ जाती है, जिनका सामना करना बहुत मुश्किल हो जाता है।
उस समय ऐसा लगता है कि या तो ये दुनिया खत्म हो जाए
या फिर अल्लाह जल्द से जल्द हमें अपने पास बुला ले।
लेकिन इस दुनियां में सभी लोग की उम्र तय है और जो भी होता है
सब अल्लाह की मर्जी से ही होता है।
अल्लाह की मर्जी के बिना इस कायनात पर एक पत्ता भी नहीं हिल सकता।
अपनी ज़िन्दगी में आने वाली परेशानियों को दूर करने के लिए अमल ए रूहानी अजायबात की मदद ले सकते है।
Amal E Rohani Aajayabat
अमल ए रूहानी अजायबात में आज हम आपको एक ऐसा वजीफा बता रहे है।
जिसे पढ़कर आपकी रूह को बेहद सुकून मिलेगा, साथ ही आपके अपनी परेशानियों का हल भी मिल जाएगा।
जब भी आप बेहद परेशान हो, या फिर तकलीफ में हो यह अमल ए रूहानी अजायबात पढ़ सकते है।
अमल ए रूहानी अजायबात का वजीफा इस प्रकार है-
या हय्यू, या क़य्यूम
दोस्तों यह वजीफा अगर आप अल्लाह की रहमत पर भरोसा रख कर पढ़ते है तो इंशाल्लाह आपको जरूर फायदा मिलेगा।
इस वजीफे की खास बात ये है कि इसे आप किसी भी समय और कितनी भी बार पढ़ सकते है।
अगली बार आप जब भी किसी परेशानी या तनाव में हो तो बस कुछ देर आँखें बंद करके ये अमल ए रूहानी अजायबात पढ़े।
आपको कोई ना कोई रास्ता जरूर मिल जाएगा।
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