Zina meaning in Islam in hindi | zina karne ka gunah kya hai
ज़िना करने का गुनाह | zina meaning in hindi
मेराज की रात नबी ए करीम सल्लल्लाहू तआला अलैहि वसल्लम का एक ऐसी क़ौम पर गुज़र हुआ,
जिनके सामने के एक हांडी में पका हुआ गोश्त रखा हुआ है और दूसरी हांडी में कच्चा और सड़ा हुआ गोश्त रखा हुआ है वह उस जले सड़े और कच्चे गोश्त को खा रहे हैं।
और पका हुआ गोश्त नहीं खाते, आपने पूछा यह कौन लोग हैं, जिब्रीले अमीन (अलैहिस्सलाम) ने कहा या रसूलल्लाह (सल्लल्लाहू ततआला अलैहि वसल्लम) यह वह लोग हैं जो अपनी पाकीज़ा और हलाल बीवियों को छोड़कर दूसरी हराम औरतों के साथ रातें गुज़ारते थे।
zina karne ka gunah kya hai |
और बुराई के मुरतकिब होते थे, इसी तरह यह औरतें वह हैं जो अपने पतियों (शौहरों) को छोड़कर दूसरे मर्दों के साथ रंगरलियां मनाती थीं और बदकारी (जिना) की मुरतकिब होती थीं,
zina karne ka gunah kya hai?
इन मर्दों और औरतों के मुताल्लिक़ ही अल्लाह ताला ने इरशाद फरमाया,
तर्जमा - और तुम लोग ज़िना के क़रीब ना जाओ क्योंकि यह बहुत बे हयाई का काम है और बुरा रास्ता है।
तफ़्सीर इब्ने कसीर जिल्द 3, बा हवाला मौत का मंज़र, सफ़ह 214)
औरतों के जदीद और अहम मसाइल सफ़ह 182--183)
Zina meaning in Islam in hindi
हदीस शरीफ़ - हजरत अबू हुरैरह रज़िअल्लाहू तआला अन्ह ने कहा के हुज़ूर अलैहिस्सलातू वस्सलाम ने फ़रमाया कि,
ज़िना करने वाला जिस वक़्त ज़िना करता है उस वक़्त मोमिन नहीं रहता यानी मोमिन की सिफ़ात से महरूम हो जाता है,
मिश्कात शरीफ़, सफ़ह 17)
हदीस शरीफ़----- हज़रत अम्र बिन आस रज़िअल्लाहू तआला अन्ह ने कहा कि मैंने हुज़ूर अलैहिस्सलातू वस्सलाम को फ़रमाते हुए सुना के
जिस क़ौम में ज़िना फैल जाता है वह क़ौम क़हत साली (ग़रीबी भुखमरी) में ज़रूर मुब्तला की जाती है।
और जिस क़ौम में रिशवत आम होती है वह (अपने दुश्मन के) ख़ौफ़ व हिरास में मुब्तला रहती है।
📗 मिश्कात शरीफ़ सफ़ह 313)
zina ki saza hadees hindi
हदीस शरीफ़- हज़रत जाबिर रज़िअल्लाहु तआला अन्ह से रिवायत है कि एक मर्द ने एक औरत से ज़िना किया तो हुज़ूर अलैहिस्सलातू वस्सलाम ने उसे कोड़े लगवाए फिर ख़बर दी गई वह महसन (यानी शादीशुदा) है तो हुज़ूर ने उसे संगसार करा दिया यानी लोगों ने पत्थरों से मार मार कर उसे हिलाक (ख़त्म) कर दिया, (अबू दाऊद जिल्द 2, सफ़ह 609),(मिश्कात शरीफ़ सफ़ह 312)
- हदीस शरीफ़ - हज़रत इब्ने अब्बास रज़िअल्लाहू तआला अन्हुमा ने कहा के हुजूर अलैहिस्सलातू वस्सलाम ने फ़रमाया कि,
- जिस शख़्स को तुम (हज़रत) लूत अलैहिस्सलाम की क़ौम का अमल करते हुए पाओ तो फ़ाएल और मफ़ऊल दोनों को कत्ल कर दो,( तिर्मिज़ी शरीफ़ जिल्द 1, सफ़ह 270),( मिश्कात शरीफ़ सफ़ह 312)
- (हजरत लूत अलैहिस्सलाम की क़ौम अपनी बीवियों को छोड़कर, एक मर्द दूसरे मर्द से बदकारी करते थे)
- हदीस शरीफ़ - हज़रत इब्ने अब्बास व अबू हुरैरह रज़िअल्लाह तआला अन्हुमा से रिवायत के हुज़ूर अलैहिस्सलातू वस्सलाम ने फ़रमाया कि जो शख़्स क़ौमे लूत का अमल करे वह मलऊन है, (मिश्कात शरीफ़ सफ़ह 313)
- और इन्हीं की एक रिवायत में हज़रत इब्ने अब्बास रज़िअल्लाहू तआला अन्ह से रिवायत है के हज़रत अली रज़िअल्लाहू तआला अन्ह ने फ़ेऐले बद (बुरा काम) करने वाले और कराने वाले दोनों को जला दिया और हज़रत अबू बक्र सिद्दीक़ रज़िअल्लाहू तआला अन्ह ने उन दोनों पर दीवार गिरा दी,( मिश्कात शरीफ़ सफ़ह 313)
Note
zina karne ki saza in islam
(1) यहां (हिन्दुस्तान में) अगर हुकूमते इस्लामिया होती तो ज़ानी को सौ (100) कोड़े मारे जाते या संगसार किया जाता यानी इस क़दर पत्थर मारा जाता कि वह मर जाता
मगर इस (मौजूदा) हाल में ज़ानी और ज़ानिया के लिए यह हुक्म है कि मुसलमान उनका पूरे तौर पर बाई काट करें उनके साथ खाना-पीना उठना बैठना सलाम व कलाम और हर क़िस्म के इस्लामी ताल्लुक़ात ख़त्म कर दें
ता वक़्त यह के तोबा करके वह अपने गुनाह से बाज़ ना आ जाएं, अगर मुसलमान ऐसा नहीं करेंगे तो वह भी गुनाहगार होंगे,
(2) लवात़त (यानी एक मर्द का दूसरे मर्द के पीछे के मक़ाम में बदकारी करना) करने वाले जिस्मानी तौर पर भी सख़्त सज़ा के मुस्तहिक़ हैं के हज़रत अली रज़िअल्लाहू तआला अन्ह ने उन्हें जला दिया,
हज़रत अबू बकर सिद्दीक़ रज़िअल्लाहू तआला अन्ह ने उन पर दीवार गिरा दी,
और एक रिवायत के मुताबिक़ हुजूर अलैहिस्सलातू वस्सलाम ने हुक्म दिया कि उन्हें क़त्ल कर दो,
इससे पता चलता है कि यह फेएल (काम) निहायत ख़बीस (गंदा) है बल्कि ज़िना से भी बद्तर है, ज़माना ए मौजूदा में लवात़त करने वाले और कराने वाले के मुताल्लिक़ यह हुक्म है कि मुसलमान उनसे पूरे तौर पर कत़ा ताल्लुक़ कर दें।
(यानी उनसे अपने ताल्लुक़ात ख़त्म कर दें) और इस ख़बीस फेएल से बाज़ आ जाने के लिए उन पर अपनी ताक़त भर इतनी सख़्ती करें ।
कि वह अपने इस गंदे खिलाफ़े फ़ितरत फेल (काम) से बाज़ आ जाएं अगर मुसलमान अपनी ग़फ़लत (लापरवाही) से काम लेकर खामोशी इख़्तियार करेंगे तो गुनाहगार होंगे।
📗 अनवारुल हदीस सफ़ह 280)
FAQ?
सवाल : ज़िना क्या है ?
जवाब : अगर मर्द एक ऐसी औरत से सोहबत/हमबिस्तरी करे जो उसकी बीवी नही है तो, ये ज़िना कहलाता है, ज़रूरी नही की साथ सोने को ही ज़िना कहते हैं, बल्की छूना भी ज़िना एक हिस्सा है और किसी पराई औरत को देखना आँखों का ज़िना है।
ज़िना को इस्लाम में एक बहोत बड़ा गुनाह माना गया है, और इस्लाम ने ऐसा करने वालो की सज़ा दुनिया में ही रखी है.
और मरने के बाद अल्लाह इसकी सख्त सज़ा देगा।
ज़िना के बारे में कुछ हदीस और कुरान की आयत देखिये।
हज़रत मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम) ने फ़रमाया मोमिन (मुस्लिम) होते हुए तो कोई ज़िना कर ही नही सकता। (Bukhari Sharif, Jild:3, Safa:614 Hadees: 1714)i
अल्लाह कुरान में फ़रमाता है और (देखो) ज़िना के पास भी ना जाना, बेशक वो बेहयाई है और बुरी राह है" (Al-quraan: Al-Isra: A-32)
ज़िना की सज़ा और अज़ाब?
अगर ज़िना करने वाले शादी शुदा हो तो खुले मैदान में पत्थर मारमार कर मार डाला जाये और अगर कुंवारे हो तो 100 कोड़े मारे जाये। (Bukhari Sharif Jild Safa:615/615 Hadees:1715)
आज कल देखने में आया है की इस गुनाह में बहोत से लोग शामिल हैं, खास करके उस बाज़ार मे जहां औरते और मर्दें जाते हे किसका हाथ किसको लग रहा हे कहा लग रहा हे कुछ मालुम नही होता।
चाहे लड़का हो या लड़की. और फिर इस गुनाह को करने के बाद अपने दोस्तों को बड़ी शान से सुनाते हैं, बल्की उनको भी ऐसा करने की राय देते हैं।
अगर कोई कुंवारा लड़का या लड़की कोई ग़लत काम करता है तो इसका गुनाह इसके माँ बाप को भी मिलता है क्योंकी उन्होंने उनकी जल्दी शादी नही की जिसकी वजह से वो गलत काम करने लगे।
और एक जगह अल्लाह ने कुरान में फ़रमाया की पाक दामन लड़कियां, पाक दामन लड़को के लिए हैं, इसका मतलब यह है की अगर आप अछे हैं तो अल्लाह आपको भी अच्छि बीवी या दूल्हा देगा और ख़राब हैं तो समझ लीजिये।
इंसान जो भी ग़लत काम करता है उसकी क़ीमत उसके बच्चो, माँ या बहन को इस दुनिया में ही चुकानी पड़ती है, इमाम शाफ़ई रहमतुल्लाह कहते हैं के ज़िना एक क़र्ज़ है, अगर तू यह क़र्ज़ लेगा तो तेरे घर से यानी तेरी बहन बहु बेटी से वसूल किया जायेगा।
दोस्तों इस कबीरा गुनाह की और भी सज़ायें हैं, इसलिए खुद भी बचो और अपने दोस्तों को भी बचाओ, अगर आपने अपने सेक्स का क़िस्सा अपने दोस्त/सहेली को सुनाया और उसके दिल में भी ऐसा करने की बात आ गई और उसने वो काम कर लिया तो उसका गुनाह आपको भी मिलेगा।
क्यूंकि आपने ही उसको ग़लत रास्ता दिखाया है. और आपके दोस्त आगे भी जितने लोगो को ग़लत रास्ता दिखायेंगे उन सबका गुनाह आपके खाते में आएगा।
सबके घर मे बहु, बहन, बेटी, माँ हैं, अगर आप दूसरे की तरफ तांक झांक करोगे तो आपका घर भी महफूज़ नही रहेगा, अल्लाह हम सबको इस बड़े गुनाह से बचाए।
आज आप यह मेसेज अगर किसी 1 को भी शेयर करदें तो आप सोच भी नही सकते कितने लोग "अल्लाह" से तौबा कर लेंगे इंशा अल्लाह. -
इस्लामी आर्टिकल पढ़ने के लिए infomgm ब्लॉग पर विजिट करें आपके आने का हम शुक्र गुजार है हमे यकीन है की आप को जानकारी अच्छी लगी होगी। आप इस आर्टिकल को अपने दोस्तों रिश्तेदारों को शेयर करें सवाब की नियत से उनके इल्म में इज़ाफ़ा हो। और इस गुनाह से बचें।
0 टिप्पणियाँ
आपके फीडबैक का हमे इन्तजार रहता है आप सब लोग अपना फीडबैक कमेन्ट के जरिए दें या Contact form या contact us में दे सकते हैं। infomgm