islamic quiz with answers

islamic quiz with answers, islamic questions and answers pdf islamic quiz on prophets with answers islamic question and answer in urdu islamic studies questions and answers pdf whatsapp islamic quiz islamic quiz quran, Daily islamic questions and answers

सवाल:-

 मुफ्ती साहब मिस्वाक का इस्तमाल का तरीका़ बतायें और हमारे दिलों को मुनव्वर करें?

 जवाब:-

 मिस्वाक दाहिने हाथ से करना चाहिए और मिस्वाक इस तरह हाथ में ले ली जाए की छंगुलियां मिस्वाक के नीचे और बीच की 3 उंगलिया ऊपर और अंगूठा सिरे पर नीचे हो और मुठ्ठी ना बांधे हो।

 दांतो की चौड़ाई में मिस्वाक करें लंम्बाई में नहीं चित ले कर मिस्वाक ना करें।

 पहले दाहिने (दाएं) जानिब के ऊपर के दांत मांजे फिर बांयें (बाएं) जानिब के ऊपर के दांत फिर दहिनी तरफ के नीचे के दांत और फिर बाईं तरफ के नीचे के दांत।

 जब मिस्वाक करना हो तो धो लें और मिस्वाक करने के बाद भी इस्तेमाल करें और धो डालें ज़मीन पर पड़ी न छोड़ें बल्कि खड़ी रखें इस्तेमाल करके इस तरह खड़ी रखें की उस के फिर वाला हिस्सा ऊपर रहें।


 सवाल:-

 कोई रोज़े की हालत में हो और उसको बुरा ख्याल आ जाये (जागते में) और शोहवत के साथ मनी निकल जाए उसके लिए क्या हुक्म है?

 जवाब:-

 अगर उस ने अपने जानें से कोई हरकत नहीं की बल्कि बगैर हांथ लगाये या जिस्म को मस किये शोहवत के साथ मनी खारिज हुई तो रोजा ना टूटा।


सवाल:-

 अस्सलामु अलैकुम हजरत। आज कल जो बाजार में फार्म की चिकन आती है, सुना है के उसे इंजेक्शन से मोटा करते हैैं, और वो इंजेक्शन खिनजीर के आजा से बना होता है। अगर ये दावा सही है तो क्या चिकन खाना हराम है।

 किसी भाई का सावल है?

 जवाब:-

 अगर वो चिकन ही है तो उसमें का खाना हलाल है। हां अगर मुज़िर आजा उममें डाले जाते हैं तो बचना बेहतर है।


सवाल:-

 अस्सलामु अलैइकुम हज़रत

 किसी भाई का सवाल है सेहरी का वक्त जैसा 4.33 बजे का है और वहां सेहरी का वक्त खत्म होते ही शाफई मस्जिद की फज्र की अजान होती है इस सूरत में अगर अजान हो तो क्या होगा?

 जवाब:-

 सुबह ए सादिक यानि फज्र का वक्त शुरू होने से पहले तक सेहरी की जा सकती है... एहतियातन 10 मिनट पहले खाने पीने से दूर हो जाएं... अगर अज़ान फज्र का वक्त शुरू होने पर खाना पीना होता है तो रोजा ना हुआ।


 सवाल:-

  हनफ़ी वक़्त शुरू नहीं होता तब शाफ़ई की अज़ान होती है 4.34 को

 हनफ़ी की अज़ान की 4.42 या 4.44 को होती है

 शाफई की अज़ान के वक़्त अगर कुछ खाया या पिया तो क्या उस हाल में रोज़ा होगा?

 जवाब:-

 फज्र का वक्त आहनाफ और शाफ़ई की नजर एक ही है।

 मजीद ये के अहनाफ के नजर में फज्र का वक्त शुरू होने के बाद ही अजान मशरू है। लिहजा अगर कोई फज्र के वक्त होने से पहले अज़ान दे तो उस का एतबार इंद अल अहनाफ नहीं होगा।

islamic quiz with answers, islamic questions and answers pdf islamic quiz on prophets with answers islamic question and answer in urdu islamic studies questions and answers pdf whatsapp islamic quiz islamic quiz quran, Daily islamic questions and answers Infomgm jilani dhanpuri
GK, quiz

सवाल:-

 क्या फरमाते है ओलामा ए दीन की टीवी देखना और जो गेम है जैसे क्रिकेट, बैडमिंटन, मोबाइल और कंप्यूटर गेम, कैरम, फुटबॉल, वॉलीबॉल

 , शतरंज, हॉकी, टेनिस, कार्ड, लूडो वगैराह अक्सर लोग में देखा गया है की रोजा की हालत में खेलते हैं ऐसा करने पर रोजे पर क्या हुकम लगेगा

 जवाब:-

 टीवी देखना, क्रिकेट, बैडमिंटन, मोबाइल और कंप्यूटर गेम, कैरम, फ़ुटबॉल, वॉली बॉल, शतरंज, हॉकी, टेनिस, कार्ड, लूडो, वगैरह खेलना और दिनो में भी ना जाएज़-ओ-गुनाह है रमज़ान शरीफ़ में और सख़्त गुनाह और इसे रोज़ा भी मकरूह होता है।


 सवाल:-

 एक मुफ्ती साहब ने डीपी तस्वीर होने की वजह से ग्रूप (समूह) से निकल दिया

 ये रूल इतना सख्त कर दिया की आगर डीपी लगाने वाला परसनल में किसी मसला का जवाब मांगे तो वो नहीं देते हैं

 क्या एक डीपी लगाने की वजह से शरीयत के दूसरे मसला का जवाब भी नहीं दिया जा सकता...?

 इस्लाह फरमाये

 जवाब:-

 अगर बा तौर ए उज़्र उन्हो ने ऐसा किया तो गलत न किया ताके जानदार की तस्वीर को रखने से बाज़ आ जाए। जैसा की अहादीस ए मशहूरा से जानदार की तस्वीर बनाना बनवाने की सख्त वईद आई है।


 सवाल:-

 मुफ्ती साहब की बारगाह में सवाल है की गैर मुकल्लिदीन के अकीदे के बारे में रहनुमाई फरमाएं और उनका मजहब कैसा है?


 जवाब :-

 यह भी वहाबियत की एक शाख है वो चन्द बाते जो हाल में वहाबियों ने अल्लाह ता'आला और नबी ﷺ की शान में गुस्ताखी के तौर पर बाकी है

 वो गैर मुक़ल्लिद्दिन से सबित नहीं बाकी दूसरे तमाम अकीदो में वो शरीक हैं और देवबंदियों की हाल इबारतो को देख भाल और जान बूझ कर उन्हे काफिर तस्लीम नहीं करते 

और शरीअत का हुकम है के जो अल्लाह और रसूल की शान में गुस्ताखी करने वाले के काफिर होने में शक करे वो भी काफिर है


 गैर मुकल्लीदो का एक बुरा अकीदा यह है की वो चारो मजाहिब (1) हनफी (2) शाफाई (3) मालिकी (4) हम्बली से अलग और तमाम मुसलमानो से अलग थलग एक रास्ता निकाल कर ताकीद को हराम और बिदअत कहता है

 और इन के इमामो जैसे इमामे आज़म अबू हनीफ़ा, इमामे शाफ़ई, इमामे मालिक और इमामे अहमद इब्ने हम्बल को बुरा भला कहते हैं ।

ये लोग इमामो की तक़लीद (पैरवी) नहीं करते बाल्की शैतान की करते है ।

गैर मुक़लिदीन का इंकार करते हैं जब के मुतलक तकलीद और कियास का इनकार कुफ्र है इस्लिये गैर मुकल्लिदीन का मजहब बातिल है।

 नोट :- फरा में असल की तरह हुक्म को साबित करने को कियास कहते हैं क़ियास क़ुरआन और हदीस से सबित है वलाहू ता आला आलम ।


सवाल:-

 मुफ्ती साहब एक भाई का सवाल है रहनुमाई फरमाएं

 क्या जो गद्दा होता उसमें नमाज नहीं पढ़नी चाहिए क्या?

 यानि की गद्दा थोडा सॉफ्ट या गुदगुदा होता वह रहनुमाई फरमायें?

 जवाब:-

 सज्दे में अगर पेशनी अच्छी अच्छी तरह न जमती हो तो सज्दा सही नहीं होगा और नमाज भी ना होगी। और नाक की हड्डी ना दबे तो मकरूह ए तहरीमी नमाज वाजिब उल इयादा होगी।


 सवाल:-

 हज़रत इमामा पहनने पर क्या हुकम होगा क्यों की इमामा अगर मोटा हो तो पेशानी पूरी तौर पर नहीं जमती तो सूरत में क्या हुक्म होगा वज़हत फरमा दीजिये?

 जवाब:-

 पेशानी जम जाति है तो नमाज़ दुरुस्त है। और अगर वाकई ऐसा कपड़ा है के पेशनी बिल्कुल न जमती हो तो सजदा न होगा।


सवाल:-

 की क्या लड़का अगर गैर बिरादरी में किसी लड़की से शादी करना चाहे तो क्या ये गलत है?

   घर वाले मुसलमान है सुन्नी भी है लेकिन लड़कों वाले बिरदार को लेकर नहीं करना चाहते हैं तो ऐसा मुझे क्या करना चाहिए

 और अगर ऐसा किया तो क्या ये कोई गुनाह है?

 जवाब:-

 मां बाप की इज्जत का भी ख्याल रखे और उन्हे नाराज़ ना करे। बल्के उन्हे राज़ी करने की कोशिश करें।


सवाल:-

आज कल ये स्विगी और ज़ोमैटो की फ़ूड डिलीवरी सर्विस निकला है जो कोई भी रेस्टोरेंट से खाना पिक अप करके हम तक डिलीवरी करते हैं इसमें हम एक सुन्नी की रेस्टोरेंट का खाना एक काफिर या कोई भी मज़हब का बंदा डिलीवर करेगा 

और कुछ कुछ कमीशन लेगा ये खाना जायज है क्यों के खाने के मसले में ये कहा जाता है के अगर हमारे घर का खाना एक डब्बेवाला जो काफिर हो वो लेकर जाएगा तो खाना जायज ना होगा जवाब इनायत फरमाये जाजकल्लाह?

 जवाब:-

 अगर खाना लाने वाला काफिर है तो गोश्त का हुक्म वही होगा जो काफिर के कब्ज़े में जाने का है यानि उसका खाना हराम होगा।


सवाल:-

 मेरा सवाल ये है की अज़ान को बगैर तलफ़्फ़ुज़ और बगैर तज़वीद के देने से क्या अज़ान होगा ?

 और जिस शख्स को तज़वीद नहीं आती हो तो ऐसा शख्स अज़ान दे तो कैसा है?

 तफ़सीली जवाब इनायत फरमाईं। जज़ाक अल्लाह खैर।

 हज़रत और एक सवाल क्या ऐसा शख्स इक़ामत भी दे सकता है रहनुमाई फरमाये?

 जवाब:-

 ज़रुरी है के मुअज़्ज़िन तलफ़्फ़ुज़ का ख़याल रखे का अगर मायना यानी मतलब फ़ासिद हुआ तो अज़ान ही ना होगी।


 सवाल :-

 लड़की ने जब निकाह किया था तब लड़का सुन्नी था अब वो बद-अकीदा हो चुका है देवबंदी हो चुका है कहता है दरगाहों पे मत जाओ अल्लाह के वगैरह मत मानो घर में फातिहा वागैरह मत दो और हुज़ूर की हयाती जाह पर हमें को आयतराज वागैरा है..और लड़की सुन्नी है तो ऐसी में लड़की उससे तलाक ले सकती है?

 जवाब:-

 अगर वाकई में उनके अकायद कुफरिया हो चुके और मजकूरा बातें बार बार बिना ए वहाबियत कहता है तो वो काफिर हो गया अब उसका निकाह बाकी न रहा।

 लड़की को चाहिए के वो तलाक ले कर अलग हो जाए।


 सवाल :-

 अस्सलामू अलैकुम हज़रत किसी भाई का सवाल है

  क्या मुसलमान को देश भक्त लिख या बोल सकते हैं ?

 मिसाल के तोर पर किसी ने कहा हम मुसलमान देशभक्त है?

 ऐसा कहना दुरस्त होगा क्या ?

 जवाब:-

 देश भक्त हुब्बल वतनी के माना में कहा जाता है इसमे हर्ज नहीं होना चाहिए।

islamic quiz with answers, islamic questions and answers pdf islamic quiz on prophets with answers islamic question and answer in urdu islamic studies questions and answers pdf whatsapp islamic quiz islamic quiz quran, Daily islamic questions and answers


Question:-

Mufti Sahab *Miswak* ka Istemaal ka Tarika Hame Samjaayein Aur Hamare dilo ko munawwar kare


Answer:-  

Miswak Daahine Haath Se Karna Chahiye Aur Miswak is Tarah Haath me le li Jaaye ki Chhanguliyaan Miswak ke Neeche Aur Beech ki 3 Ungaliyaan Upar Aur Angutha Seere par Neeche ho Aur Mutthi na Bandeh

Daanto ki chawdaai me miswak kare Lambaai me nahi Cheet let kar miswak na kare 

Pahle daahine ( Right ) jaanib ke Upar ke daant Maajeh Phir Baayein ( Left ) Jaanib ke Upar ke daant Phir Daahini Taraf ke Neeche ke daant Aur Phir Baayi Taraf ke Neeche ke 

Jab miswak karna ho to use dhoo le Aur miswak karne ka baad bhi use dhoo daale zamin par padi na chhore Balki Khadi Rakhe Aur use is Tarah khadi Rakhe ki us ke reshe wala Hissa Upar Rahe 


Question:-

Koi roze ki halat me ho aour use bura khayal aae(jagte me)

Aour shohwat ke sath mani nikal jae uske lie kya hukm hai ?

Answer:-  

Agar us ne apni janib se koi harkat nahi ki balke begair Hath lagaaye ya Jism ko mass kiye shehwat k sath mani kharij hui to roza na toota.

Question:-

Assalaamu alaikum Hazrath. Aaj kal jo bazaar me farm ki chicken aati hai, suna hai ke usey injection se mota karte hain, aur wo injection khinzeer ke ajza se bana hota hai. Agar yeh claim sahi hai toh kya chicken khana haraam hai.Kisi bhai k sawal hai


Answer:- 

Agar wo chicken hi hai to us ka khana halal hai. haan agar muzir ajza us me Daale jaate hain to bachna behtar hai.

Question:-

Assalam alaikum hazrat

Kisi bhai ka sawaal hai sehri ka waqt jaise 4.33am ka hai aur fauran sehri ka waqt khatam hote hi shafai masjid ki fajr ki azaan hoti hai iss surat mein agar azaan ho rahi ho aur pani wagairah pee liya to kya roza ho jayega??


Answer:- 

Subah e sadiq Yaani Fajr ka waqt shuru hone se pehle tak sehri ki ja sakti hai... ehtiyaatan 10 minute pehle khaane peene se faarig ho jaayen ... Agar Azan Fajr ka waqt shuru hone par hoti hai to us waqt agar khaya piya to roza Na Hua


Question:-

 Hanafi waqt shuru nahi hota tab shafayi ki azaan hoti hai 4.34 ko 

Hanafi ki azaan ki 4.42 or 4.44 ko hoti hai

Shafayi ki azaan ke waqt agar kuch khaya ya piya to kya uss haalat mein roza hoga?


Answer:- 

Fajr ka waqt ahnaaf o shawaafe k nazdeek ek hi hai.

Mazeed ye k Ahnaaf ke nazdeek Fajr ka waqt shuru hone k baad hi azaan mashroo hai. Lehaza agar Koi Fajr k waqt hone se pehle azan de to Us Ka etebaar ind al ahnaaf nahi hoga.

Question:-

Kya Farmate Hai Olama E Din ki T.V Dekhna Aur Jo Game Hai Jaise Cricket, Badminton, Mobaile Aur Computer Game , Carome, Football, Volley Ball

, Chess, Hockey, Tennis, Card, Lido Wagairah Aksar Log Me Dekha gaya hai ki Roze ki Haalat me khelte hai Aisa karne par Roze par Kya Hukm lagega 

Answer:-  

T.V dekhna,Cricket, Badminton, mobile aur computer game ,carom, football, volley ball, chess, hockey ,tennis,card, ludo,wagairah khelna aur dino Mein bhi Na jaayez-o-gunaah hai ramzaan sharif Mein aur sakht gunaah aur isse Rozah Bhi makrooh hota hai.

Question:-

Ek Mufti Sahab ne DP pic hone ki vajah se group se nikal diya

Ye Rule itna sakht kar diya ki Agar DP lagane wala Prsnl me kisi Mas'ale ka jawab mange to wo nahi dete hai

Kya ek DP lagane ki vajah se Shariyat ke dusre Mas'alo ka jawab bhi nahi diya ja sakta...?

Islah farmaye


Answer:-  

Agar Ba taur e zajr unho ne aisa kiya to Galat na kiya taake Jandar ki tasweer Ko Rakhne se baaz aa jaaye. Jaisa k Ahaadees e Mash'hoora se Jandar ki tasweer Banaane banwaane ki sakht waeed aayi hai


Question:-

Mufti Sahab Ki Baargah me Sawal Hai ki *GAIR MUKALLIDEEN* Ke Aqeede ke baare me Rahnumai Farmayein Aur Unka mazhab Kaisa hai ?


Answer:- 

Yah Bhi Wahaabiyat Ki Ek Shaakh Hai Wo Chand Baate Jo Haal me Wahabiyoon ne Allah Ta'Ala Aur Nabi ﷺ ki Shaan me Gustaakhi ke Taur par Baki Hai wo Gair Muaqllidin se saabit Nahi 

Baaki Dusre Tamaam Aqeedo me dono Shareek hain Aur Haal ke Deovbandiyon ki ibaarato ko dekh bhaal Aur jaan Bujh Kar Unhe Kaafir tasleem nahi karte Aur Shari'At ka hukm hai k jo Allah Aur Rasool ki Shaan Me Gustaakhi karne waalo ke Kaafir Hone me Shak kare Wo Bhi kaafir Hai 

Gair Muqallido ka Ek Bura Aqeeda Yah Hai ki Wo Chaaro Mazahib (1 ) Hanfi (2) Shaafai (3) Maaliki (4 ) Hambali Se Alag Aur Tamaam Musalmano se Alag Tahlag Ek Raasta Nikaal kar Taqleed ko Haraam Aur Bida'At Kahte hai

 Aur in ke Imaamo Jaise Imaame Azam Abu Hanifa, Imaame Shafai, Imaame Maalik Aur Iaame Ahmad Ibne Hambal Ko Bura Bhala Kahte hai Yeh Log Imaamo ki Taqleed ( Pairvi ) Nahi karte

  Balki Shaitaan ki Karte Hai Gair Muqallidin Taqlid Aur qiyaas ka Inkaar karte hain Jab k Mutlaq Taqleed Aur qiyaas ka Inkaar Kufr Hai Isliye Gair Muqallideen ka Mazhab Baatil Hai

Note :- Far'a Me Asl Ki Tarah Hukm ko Saabit karne ko Qiyaas kahte Hai Qiyaas Qur'aan Aur Hadees Se Saabit Hai Wallahu Ta'Ala Aalam


Question:-

Mufti sahab Ek Bhai ka Sawal Hai Rahnumai Farmayein 

Kya Jo gadda hota he us PR namaz nhi parni chahhiye kya......

Yaani ki gadda thoda soft ya gudguda hota he us PR plz btaay


Answer:- 

Sajde me agar peshani khoob acchi tarah na jamti ho to sajda sahi nahi hoga aur Namaz bhi na hogi. aur naak ki haddi na jame to Makrooh e tahrimi Namaz wajib ul iaadah hogi.


Question:-

Hazrat imama pahanne par kya hukm hoga kyon k imama agar mota ho to peshani pure taur par nahi jamti to is surat main kya hukm hoga wazahat farmadijiye


Answer:- 

Peshani Jam jaati hai to Namaz durust hai. Aur agar waaqai aisa kapra hai k peshani bilkul na jamti ho to sajda na hoga.


Question:-

Hazrat imama pahanne par kya hukm hoga kyon k imama agar mota ho to peshani pure taur par nahi jamti to is surat main kya hukm hoga wazahat farmadijiye


Answer:- 

Peshani Jam jaati hai to Namaz durust hai. Aur agar waaqai aisa kapra hai k peshani bilkul na jamti ho to sajda na hoga.


Question:-

Ki kya ladka agar gair biradar me kisi ladki se shadi karna chahe to kya ye galat hai?

 Dusre ghar waale tayar hai musalman hai Sunni bhi hai lekin ladke waale biradar ko lekar nahi karna chahte hai to aise me kya karna chaiye

Aur agar aisa kia to kya ye koi gunaah hai?


Answer:- 

Maan baap ki izzat ka bhi khayal rakhe aur unhe naraz na kare. Balke unhe raazi karne ki koshish kare.


Question:-

Salaam mufti sahab

Aaj kal ye Swiggy aur Zomato ki food delivery service nikli hai jo koi bhi Resturant se khana pick up karke hume deliver karti hai ismein humey ek Sunni ki Resturant ka khana ek Kaafir ya koi bhi mazhab ka bunda deliver karega aur kuch commission Resturant se lega 

kya ye khana jayez hai kyu ke khaane ke maasle mein ye kaha jaata hai ke agar humare ghar ka khana ek daabewala jo kafir ho wo lekar jayega to khana jayez na hoga javab inaayat farmaye jazzakallah


Answer:- 

Agar khana laane wala kafir hai to Gosht ka hukm wahi hoga jo Kafir k qabze me jaane ka hai yaani Us ka khana haraam hoga.


Question:-

Mera sawal ye hai ki Aazan Ko bagair tallafuz aur bagair tajweed ke Dene se kya Aazan hogaye gi

Aur jis shaks Ko tajweed nahi aati ho to aisa shaks Aazan de to kaisa hai ?

Tafseeli jawab Inayat farmaein

Jazak Allah khair

Hazrat aur ek sawal kya aisa shaks iqamat bhi de Sakta hai Rehnumai farmaye?


Answer:- 

Zaruri hai k muazzin Talaffuz ka khayal rakhe k agar Maana faasid hua to azan hi na hogi.


Question:-

Ladki ne jab Nikah kiya Tha Tab ladka Sunni Tha Ab Woh Bad-Aqeeda Ho Chuka hai Deovbandi ho chuka hai Kahta hai Dargah ho pe mat jao Allah ke waliyoon ka naa Mano Ghar me Fatiha Wagairah mat do Aur Huzoor E Aqdas ﷺ ki Hayaati Jaahiri par Us ko Ayteraaz wagairah hai..Aur Ladki Sunni Hai TO Aise me ladki Us Se Talaq Le Sakti Hai ?


Answer:- 

Agar waaqai us k aqaaid kufria ho chuke aur mazkoora baaten bar binaa e wahabiyat kehta hai to wo kaafir ho gaya ab Us ka nikaah baaqi na raha.

Ladki ko chahiye k wo Talaq le kar alag ho jaaye.


Question:-

As salamu Alaikum Hazrat

Kisi Bhai Ka Sawal hai

Sawal :- Kya Musalman ko Deshbhakt Likh Yaa Bol Sakte hai ?

Misal ke tor par Kisi ne kaha Hum Musalman Desbhakt hai?

Aisa Kehna Durust hoga Kya ?



Answer:- 

Desh bhakt hubbul watani ke maana me kaha jaata hai is me harj nahi hona chahiye.

Infomgm Blog keep visiting

Our next post read more click here Link 🔗

islamic quiz with answers,

Next post

 islamic questions and answers 

pdf islamic quiz on prophets with answers islamic question and answer in urdu islamic studies questions and answers pdf whatsapp islamic quiz islamic quiz quran, Daily islamic questions and answers


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ