islamic knowledge in hindi question answer

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सवाल:-

 प्रेग्नेंसी में क्या पढ़ना चाहिए इन इस्लाम ?

 प्रेग्नेंसी में कौन सी सूरह पढ़ना चाहिए?

 प्रेग्नेंसी में क्या पढ़ना चाहिए?

 प्रेग्नेंसी में पढ़ने की दुआ हिन्दी में?

 गर्भावस्था पर हदीस?

  हमल के दौरान क्या पढ़ना चाहिए कोई वज़ीफ़ा या सूरह बताओ?

 फ़ज़ीलत भी बताना?


 जवाब:-

 हमल या प्रेग्नेंसी के दौरन सूरह मरियम पढ़ने से आसानी से पैदाइश (विलादत) का होना मुजर्ब है, और बच्चों की पैदाइश और खूबसूरती के लिए सूरह युसूफ पढ़ना भी मुजर्रब है।  


सवाल:-

क्या हामेला (प्रेगनेंट) औरत सूरह मरियम और सूरह युसूफ पढ़ सकती है?


जवाब :-

हां इसमें कोई गुनाह नहीं है हामेला औरत सूरह मरियम और सूरह युसूफ पढ़ने से फायदा होगा इन्शाल्लाह और हमल के वक्त औरत नापाक नहीं होती है।

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Islamic fatwa

 सवाल:-

 क्या हैज के हालत में 360 ऐप में कुरआन की तिलावत कर सकती है?

 हैज़ की हलत मे दलाईलुल खैरात शरीफ़ पढ़ सकते हैं?

 अगर पढ़ सकते हैं .. तो जो कुरान शरीफ की आयत हैं पढ़ें या छोड़ दे। पढ़े तो कैसे पढ़ें?

 क्या ये किताब छू सकते हैं या नहीं?


 जवाब :-

 ज़िक्र और दुआ की नियत से पढ़ सकते है लेकिन किताब छूने से बचना जरूरी है किताब को दूर से देख कर पढ़ने में कोई हरज नहीं लेकिन इसका तरीका यह है कि पूरी आयत एक साथ ना पढ़ी जाये बल्कि वक्फा देकर पढ़ें यानी रुक रुक कर आराम से आहिस्ता आहिस्ता पढ़ना चाहिए ।

और यही तरीका 360 ऐप में अपनाया जाये वल्लाहु आलम बिस्सवाब


सवाल:-

क्या फरमाते हैं उलमाये दीन व मुफ्तियाने शरअ़ मतीन व मेरे पीरो मुर्शिद हज़रत जीलानी मियां सरकार मसला जैल में है।

क्या कुरबानी सिर्फ मर्दों पर वाजिब होती है या औरतों पर भी वाजिब होती है अगर औरतों पर कुर्बानी वाजिब होती है तो इसका सूरते हाल क्या है रहनुमाई फरमायें?


जवाब:-

कुरबानी मर्द और औरत दोनों पर वाजिब होती है जो मालदार है जिसके पास साढ़े सात तोला सोना या साढ़े बावन तोला चांदी हो या इसके मिकदार की रकम हो चाहे वो बैंक बैलेंस की शक्ल में हो किसी पालिसी की शक्ल में हो या प्रापरटी की शक्ल में हो उस पर कुर्बानी वाजिब है नहीं करेगा तो गुनाहगार होगा।

इसी तरह अगर औरत कोई बिजनेस करती हो या उसके पास साढ़े सात तोला सोना या साढ़े बावन तोला चांदी या उससे अधिक ज़ेवर मौजूद हो या इसके मिकदार की रकम हो चाहे वो बैंक बैलेंस की शक्ल में हो किसी पालिसी की शक्ल में हो या प्रापरटी की शक्ल में हो उस पर कुर्बानी वाजिब है नहीं करेगी तो गुनाहगार होगी और यह एक ऐसा अमल है की इसे कुरबानी के दिनों में ही करना है 10,11,12 जिल हज्ज के दिनों में से कोई एक दिन करना है ऐसा नहीं कि बाद कर दिया जायेगा तो कुर्बानी वाजिब थी वो पूरी हो जायेगी ।


सवाल:-

कुर्बानी किस पर वाजिब नहीं है?


जवाब:- 

मुसाफिरों,मिस्कीनों, नाबालिगों, और गरीबों पर कुर्बानी वाजिब नहीं है।(बहारे शरीअत)


 सवाल:-

 हम्द, नात और क़सीदा का मतलब क्या है?


 जवाब:-

 वो नज़्म जिस में अल्लाह की सना और तारीफ़ हो उसे हम्द कहा जाएगा 

 और हुज़ूर ए अकरम की तारीफ़ और सना को नात

 और किसी भी शख्सियत की तौसीफ़ और तारीफ़ नज़्म जो तवील हो उसे क़सीदा कहा जाएगा। जैसे क़सीदा ए बुरदा, क़सीदा ए मेराजिया, क़सीदा ए नूर वगैरह।


 सवाल:-

 नात पढने वाले पे पैसा फेंकना कैसा है मैं ने बहुत से हजरात को देखा है की वो पैसे को नात पढने वाले पर फेंकते हैं क्या ये गुस्ताखी नहीं है?


 जवाब:-

 ये सरासर रिया करी और दिखावा है और दिखावा अल्लाह तआला को पसंद नहीं। मजीद ये तरीका शराबियों और जुवारियों और फासिकों का है के वो नाचने वालों पे यू पैसे लुटाया करते हैं। उन की हरकत को अपनाना भी जायज नहीं है।


 सवाल:-

 हज़रत दातों में कोई चीज़ अटकी हो और नमाज़ में या नमाज़ के बाद पता लगे तो नमाज़ का क्या हुक्म है?

 जवाब इनायत फ़ारमा दें।


 जवाब:-

दातों में कोई चीज़ अटकी हो और नमाज़ में या नमाज़ के बाद पता लगे तो ऐसी सूरत में नमाज हो जाएगी।


 सवाल:-

 हज़रत क्या फ़र्ज़ के अलावा सुन्नत और नफ़िल नमाज़ो में भी सूरह की तरतीब और दूसरी रकात में पहली रकात से छोटी सूरह पढ़ना ज़रूरी है?


 जवाब:-

 नवाफिल में भी सूरतो की तरतीब क़िरत में वाजिब है। हां नवाफिल में दूसरी रकात में पहली से छोटी सूरह पढ़ना जरूरी नहीं बल्कि बराबर भी पढ़ी जा सकती है।


 सवाल:-

 गिरवी मकान लेना कैसा है

 किया इस तरह लेने से सूद कहलायेगा?


 जवाब:-

 गिरवी मकान को रखना जायज है मगर गिरवी मकान से फायदा उठाना जायज न होगा।


 सवाल:-

 क्या औरतों को जुमा के दिन जोहर की नमाज पढ़ने के लिए रुकना चाहिए जब तक जुमा का खुतबा न पढ़ा जाए?

 रहनुमाई फरमाई हजरत


 जवाब:-

 जोहर का वक्त होने के बाद जब चाहें पढ़ शकती हैं।


 सवाल:-

 हज़रत ... क्या किसी मोमिन मर्द की वफ़ात के वक़्त उसके कफन में सीने (छाती) पर बाल मुबारक शरीफ़ रख सकते हैं अज़ाबे कब्र से बचाव के लिये या मग़फिरत के लिये रहनुमाई फ़रमायें हज़रत


 जवाब:-

 रख सकते हैं। बेहतर है पेशानी पर रखे।


 सवाल:-

 मस्जिद में जो पीने का पानी होता है उसे अपनी बोतल में भर कर बाहर ले जा कर पीना कैसा है ।

 क्या ये जायज है..हजरत रहनुमाई फरमाई


 जवाब:-

 आम तौर पर पे मस्जिद में जो पीने का पानी रखा जाता है वो नमाजियो के ही पीने के लिए रखा जाता है। लेहजा हमें पानी को भर कर ले जाना दुरस्त नहीं। लेकिन मजबूरी में इस्तेमाल कर सकते हैं की सख्त प्यास लगी हो और बाहर यकीन हो की पानी मिलना मुश्किल होगा ऐसे हालात में इजाजत है वरना नहीं।


 सवाल:-

क्या फरमाते हैं उलमाये अहले सुन्नत इन मसलों पर की

 (1) लड़का सुन्नी हो और लड़की बद मज़हब हो और निकाह पढाने वाला इमाम सुन्नी हो तो क्या ऐसा निकाह में जाना चाहिए या नहीं?

 (2) और उनके यहां दावत में जाना चाहिए या नहीं खाना पकाने वाला सुन्नी है हज़रत वजा़हत फरमाये?


 जवाब:-

 आगर उस लड़की की बद मज़हबी हद्द ए कुफ्र को पहुंच चुकी हो तो मुर्तद के हुक्म में है, और मुर्तद का निकाह किसी से नहीं हो सकता।  

लिहजा जो आलिम उस का निकाह पढाया है उस पर तौबा लाज़िम है। और जो लोग इस नाम निहाद निकाह में शरीक़ हुए सब हराम कारी में मददगार हुए और गुनाहगार हुए सब पर लाज़िम है के तौबा करें। और दावत में शिरकत का भी यही हुक्म है।


 सवाल:-

 हज़रत एक भाई का ये सुवाल है उसकी पत्नी ने बी. एड. में प्रवेश लिया है और वहां बी. एड. में कम्पलसरी साड़ी पहननी पड़ती है और वहां मर्द लोग भी होते हैं तो क्या इस हाल में बी. एड. की डिग्री लेना सही होगा क्या इसमे गुनाह होगा अगर गुनाह हो तो इससे बचने का तरीका बतायें जिससे बी. एड. कर सके?


 जवाब:-

 औरतो को ऐसा लिबास जिस से जिस्म का हिस्सा नजर आती हैं जिन का छुपाना फर्ज है हराम सद हराम है। ऐसी तालीम हासिल करना जिस में है जिस्म के हिस्से नज़र में आये ऐसे तालीम से बचना चाहिए लिहाजा अगर वाकई इस के बगैर बी एड की तलीम हासिल नहीं कर सकती तो वो हर गिज ये तालीम हासिल ना करे, और शौहर पर भी लाजिम है के वो मना करें वरना वो भी गुनाहगार होगा।


 सवाल:-

 मेरा सवाल है कि कोई लड़की पार्लर पर काम करती है और वो वहां नमाज पढ़ती हो लेकिन वो पार्लर किसी गैर मुस्लिम का दुकान हो और मूर्ति भी लगी हो तो ऐसा में क्या नमाज होगी


 जवाब :-

अगर कोई मूर्ति का सामने होता हो तो नमाज मकरूह ए तहरीमी होगी।


 सवाल:-

अक्सर कहा जाता है की दुल्हन को... शादी के बाद शाबान की और ईद पर मां के घर ही रहना जरूरी है वरना। नहूसत है क्या ये सही है

जवाब:-

ये सब जिहालत की बातें हैं। शरीयत इस्लाम में इस की कोई हैसियत नहीं है।


 सवाल:-

 गुनाह की आदत छोडना चाहते हैं गुनाह करने की आदत छुड़ाने के लिए और गुनाह से बचने के लिए कोई वजीफा इनायत फरमाये


 जवाब :-

 लाहौल शरीफ और इस्तगफार की कसरत करे। और नमाज़ो की पबंदी करे।


सवाल:-

रोज़ा की हालत में किसी भी तरह की इनहेलर (बंद नाक खोलने वाला) बाम (विक्स बाम) सुंघाना या लगाना कैसा है?


 जवाब:-

 बाम वगैरा के सूंघने में हर्ज नहीं के सिर्फ खुशबू जाति है तो और अगर इनहेलर में बारीक जर्रात नाक के अंदर पहुंचते हैं जिस की वजह से रोजा टूट जाएगा।


 सवाल:-

 हज़रत इशा की 4 फ़र्ज़ में इमाम ने 3 रकात में क़िरात आवाज़ से की इसके लिए क्या हुकम है? रहनुमाई फरमाई


 जवाब:-

 ऐसी सूरत में इमाम पर सजदा ए सहव वाजिब होगा?


 प्रश्न:-

 अस्सलामुअलैकुम हजरत,

 आगर कोई सादात यानी सय्यद साहब है जो लोगों को मुरीद भी बनाते हैं,उनकी महफ़िल में शायर (कव्वाल) कुफ़रिया शायरी या कव्वाली पढा है जैसे की "तेरी पूजा करुं", "तुझको सज्दे किया करूं" लेकिन वो सादात यानी सय्यद साहब उस शायर को रोकते या तमबीह नहीं करते हैं ।

और आस पास बैठे हुए मुरीद सुभानल्लाह कह रहे हैं नजराने दे रहे हैं शायर को तो अब उन सादात यानी सय्यद साहब की ताज़ीम की जाएगी या नहीं..? बराये करम रहनुमाई फरमाये..


 उत्तर:-

 कुफरिया जुमले को सुन कर उस पर राज़ी होना और दाद और तहसीन देना कुफ्र है। अगर वकाई वो शायर महफ़िल में कुफरिया जुमला पढ़ें जाते हैं और सब उस पर राजी हुए तो उन पर तौबा और ताजदीद ए ईमान लाज़िम है। लोगो को चाहिये के उन्हे हुक्म ए शरा से आगाह किया जाए।


 सवाल:-

 हज़रत ... ज़कात के मुताल्लिक सावल है

 ज़ैद ने एक घर ख़रीदा 22 लाख में एक निवेश के रूप में लेते वक़्त नियत ये थी कि दर बढ़ेंगे तो बेंच देंगे अभी भी वही इरादा है

 फिल्हाल 3 साल से वो घर 8000₹ रुपये किराया पे दिया हुआ है फिल्हाल घर की क़ीमत 33 से 34 लाख ₹ लाख रुपए है तो ज़ैद को घर पर ज़कात किस तरह निकलनी जायेगी ।

 (1) 8000✖12= 96000₹ साल भर का किराया की रकम आती है उस मकान से।

( 2) 34लाख ₹ लाख मौजूदा क़ीमत है

 बरये महेरबानी जवाब इनायत फरमाये


 जवाब:-

 जो घर की मौजूदा क़ीमत हो उसमें से उसकी ज़कात निकाले और साल पूरा होने पर जितनी रकम उसके पास हो चाहे किराये से आई हो या किसी और तरीके से उसकी ज़कात भी निकाले।


 सवाल:-

 सुकन्या समृद्धि ये सरकारी योजना है लड़कियों के लिए जिनकी उम्र 10 साल या उससे कम है क्या वह इस को योजना ले सकते हैं। इसमे 1000₹ रुपये से 1.5 लाख ₹ तक हर साल जमा करना होता है जब तक लड़की की उम्र 21 साल ना हो जाए और 18 साल की उमर से पहले आप पैसे निकाल नहीं सकते। सरकार इसमें पुख्ता एक जैसे ब्याज नही देती, ब्याज किसी साल कम या फिर कभी ज़्यादा मिलेगा अब सवाल यस है क्या हम ये योजना ले सकते हैं ?


 जवाब:-

अगर इसमें पैसे डूबने का खतरा नहीं है बाल्कि फायदा ए यकीनी है और हर साल पैसे जमा करने पर कुदरत रखता है तो ऐसी स्कीम का इस्तमाल कर सकता है।


 सवाल:-

 इशा की नमाज अगर जमात से न पढ़े और वित्र की नमाज को जमात के साथ पढ़े तो क्या हुक्म है नमाज का ?

 वित्र की नमाज़ को रमज़ान में ही जमात के साथ क्यूँ पढ़ा जाता है ?


 जवाब:-

 वित्र की नमाज़ ईशा के फ़र्ज़ के ताबेअ है लिहाजा फ़र्ज़ जमात से ना पढ़ा तो तन्हा पढ़ें। अगर जमात से पढ़ लिया तो नमाज हो गई मगर अकेले तन्हा पढ़ी जाए। और रमज़ान में वित्र की जमात है।


 सवाल:-

 मेरे शौहर की खाला वहाबी से निकाह की और वहाबियत पर चल रही है, मेरे शौहर को उन से ताल्लुक रखना कैसा है, उन की खाला उन को गुमराह करने के लिए कहती है के हम सुन्नी हो गये है पर गैरों से वो अब भी वहाबी के जमात में आते हैं है


 जवाब:-

 जब वो वहाबियो से मेल जोल और रिश्तेदारी रखती है तो उससे ताल्लुक़ रखना ना जायज़ और गुनाह है और उस से दूर रखना लाज़िम है!


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Question:-

प्रेगनेंसी में क्या पढ़ना चाहिए इन इस्लाम?

pregnancy me kya padhna chahiye in islam?

pregnancy me konsi surah padhna chahiye?

प्रेगनेंसी में क्या पढ़ना चाहिए? 

pregnancy me kya padhna chahiye?

pregnancy me padhne ki dua in hindi?

hadith on pregnancy?

Durane hamal Kya padna chahiye koi vazifa ya sureeh Batao

Fazilat bhi batana 


Answer:-

Hamal ke dauraan Surah Maryam parhne se wiladat me asani ka hona mujarrab hai, aur bacche ki paidaish aur khubsurti k liye surah yusuf pa parhna bhi mujarrab hai. Is liye Hamila Aurat Surah Maryam aur Surah Yusuf parh sakti hai.


Question:-

क्या हेज के हालात में औरतें इस्लाम 360 app में कुरआन की सूरत सर्च कर सकती है?

Haiz Ki halatme Dalai khirat sarif pdh sakte h? 

Agar pdh sakte h.. to jo Quran sarif ki aayte hai pdhe ya chor de. 

Pdhe to kaise pdhe? Kya Ye kitab chu sakte h ya nhi...


Answer:-

Zikr O dua ki niyyat se parh sakti hai.


savaal:-

kya pharamaate hain ulamaaye deen va muphtiyaane shar mateen va mere peero murshid hazarat jeelaanee miyaan sarakaar masala jail mein hai.

kya kurabaanee sirph mardon par vaajib hotee hai ya auraton par bhee vaajib hotee hai agar auraton par kurbaanee vaajib hotee hai to isaka soorate haal kya hai rahanumaee pharamaayen.


javaab:-

kurabaanee mard aur aurat donon par vaajib hotee hai jo maaladaar hai jisake paas saadhe saat tola sona ya saadhe baavan tola chaandee ho ya isake mikadaar kee rakam ho chaahe vo baink bailens kee shakl mein ho kisee paalisee kee shakl mein ho ya praaparatee kee shakl mein ho us par kurbaanee vaajib hai nahin karega to gunaahagaar hoga.

isee tarah agar aurat koee bijanes karatee ho ya usake paas saadhe saat tola sona ya saadhe baavan tola chaandee ya usase adhik zevar maujood ho ya isake mikadaar kee rakam ho chaahe vo baink bailens kee shakl mein ho kisee paalisee kee shakl mein ho ya praaparatee kee shakl mein ho us par kurbaanee vaajib hai nahin karegee to gunaahagaar hogee aur yah ek aisa amal hai kee ise kurabaanee ke dinon mein hee karana hai 10,11,12 jil hajj ke dinon mein se koee ek din karana hai aisa nahin ki baad kar diya jaayega to kurbaanee vaajib thee vo pooree ho jaayegee .


sawaal:-

kurbaanee kis par vaajib nahin hai?


jawaab:- 

musaaphiron,miskeenon, naabaaligon, aur gareebon par kurbaanee vaajib nahin hai.


Sawal:-

Hamd, Naat Aur Qaseeda Ka Maani Kya hai ?


Jawaab:-

Wo Nazm jis me Allah ﷻ ki Sana o Tareef ho use Hamd kaha jaayega 

Aur Huzoor e Akram ﷺ ki Tareef o sana ko Naat 

Aur Kisi bhi shakhsiyyat ki Tauseefi o Tareefi Nazm jo Taweel ho us ko Qaseeda kaha jaayega. Jaise Qaseeda e Burda, Qaseeda e Meraajiya, Qaseeda e Noor .


Question:-

Naat Padhne waale pe Paisa Phekna Kaisa hai Main ne Bahot se hazraat ko dekha hai ki woh paise ko phekte hai Kya Ye Gustakhi nahi Hai ?


Answer:-

Ye saraasar riya kaari aur dikhawa hai Aur Dikhawa Allah Ta'ala ko pasand nahi. Mazeed ye Tareeqa Sharaabio aur juwaario aur faasiqo ka hai K wo Naachne waalio pe Yu paise lutaya karte hain . Un ki is harkat ko apnana bhi jaayez nahi.


Question:-

Hazrat daton mai koi chiz atki ho aur Namaaz mai ya Namaaz ke baad pata lage ab us Namaaz ka kiya hukum hai Jawab inayet farma den.


Answer:-

Aisi surat me Us ki Namaz ho jaayegi .


Question:-

Hazrat Kya Faraiz ke Alawa Sunnat O Nafil Namazo me Bhi Surah ki Tarteeb Aur Dusri Rak'at me Pahli rak'at se Choti Surah Padhna Zaroori hai?


Answer:-

Nawaafil me bhi Surato ki tarteeb qiraat me wajib hai . Haan Nawaafil me dosri rekaat me pehli se choti surah parhna zaruri nahi balke baraabar bhi parhi ja sakti hai.


Question:-

Girwi Makan lena kaisa hai 

Kiya istarah lene se sood kahlayega 


Answer:-

Girwi Makaan ko rakhna jaayez hai magar Girwi Makaan se Faayeda uthana jaayez na hoga .


Question:-

Kya aurton ko Jum'ah ke din zohar ki namaaz parhne ke liye rukna chaahiye jab tak Jum'ah ka khutbah na parha jaaye?

Rehnumaai farmaaiye Hazrat


Answer:-

Zohar ka waqt hone k baad jab chahe parh sakti hai.


Question:-

Hazrat ... Kya kisi momin mard ki wafat K wakt uske kafan me sine ( chaati ) par Baal Mubarak Sharif rakh sakte he azabe qabr se bachne K liya or magfirat K Liya rehnumai farmay hazrat


Answer:-

Rakh sakte hain . Behtar hai k Peshani pe rakhe .


Question:-

Masjid me jo peene ka Pani hota hai usko apni bottle me bhar kar bahar leja kar pina kaisa...

Kya ye jayaz hai..Hazrat rehnumai farmai


Answer:-

Aam taur pe Masjid me jo Peene ka paani rakha jata hai wo Namazio k hi peene k liye rakha jata hai . Lehaza us paani ko bhar kar le jana durust nahi .


Question:-

(1)Ladka Sunni ho aur ladki badmazhab ho aur nikah padhanewala imaam sunni ho to kya aise nikah me jana chahiye ya nahi

(2)Aur Unke yaha dawat me jana chahiye ya nahi kyu ki khana pakanewala sunni hai hazrat wazahat farmaye


Answer:-

Agar us larki ki badmazhabi hadd e kufr ko pahoch chuki to Murtad k hukm me hai, aur murtad ka Nikaah kisi se nahi ho sakta. Lehaza jo is tarah ka nikaah parhaaye us par tauba lazim hai. Aur jo log is naam nihaad nikah me shareek hue sab Haraam kaari me Madadgaar hue aur Gunahgar hue sab par lazim hai k tauba karen. Aur daawat me shirkat ka bhi yahi hukm hai.


Question:-

hazrat ek bhai ka ye suwaal he Ki uski wife NE b. Ed me addmistion liya he or b. Ed me compallsary saari pahen ni padti he or waha jeans log bhi hote he to kya is haal me b. Ed ki degree Lena sahi hoga kya isme gunah hoga agar guna ho to isse bach K NE ka tarika batay jisse b. Ed kar sake


Answer:-

Aurato ko Aisa libas pahenna jis se Jism ke wo hisse nazar aate hon jin ka chupana farz hai Haraam sakht haraam hai. Aisi Ta'leem hasil karna jis me is tarah k Gunaah ka aab karna pade Wo bhi Jaayez nahi. Lehaza agar waaqai is k begair B. ed ki taleem hasil nahi kar sakti to wo Har giz ye taleem hasil na kare, aur shauhar par bhi lazim hai k wo mana kare warna wo bhi gunahgar hoga.


Question:-

Mera suwal h ki koi larki parlour p kaam Krti h or vo vaha Namaz padleti ho lekin wo parlour kisi badmazhab k h or waha murti bhi lagi ho to aise me kya Namaz hogi


Answer:-

Agar Us Murat Ka samna kisi bhi janib se hota ho to Namaz makrooh e tahrimi hogi.


Question:-

Kaha jaata hai... ki dulhan ko... shadee k baad shabaan ki eid par Maa k ghar hi rehna zarrori hai varna. .. nahusat hai..kya ye sahi hai


Answer:-

Ye sab Jihaalat ki baaten hain. Shar'an is ki koi haisiyat nahi.


Question:-

Gunah Ki Aadat chodna chahte hai Chutti nahi Gunah karne ki aadat churane k liye Aur Gunah se bachne k liye koi wzifa inayat farmaiye ?


Answer:-

Lahaul shareef aur istehfaar ki kasrat kare. Aur Namazo ki pabandi kare.


Question:-

Roze ki halat me kisi bhi tarah ki inhelar(Band naak kholne wala) balm(vicks balm) sunghna ya under lagana kesa?


Answer:-

Balm wagaira k sunghne me harj nahi k sirf khushbu jaati hai .. inhelar me baareek zarraat naak k andar pahochte hain jis ki wajah se Roza toot jaayega.


Question:-

Hazrat Isha ki 4 farz mein imaam ne 3rd rakaat me qirat awaaz se ki iske liye Kya hukm hai?Rehnumai farmaae


Answer :-

Mazkoora surat me imam par Sajda e sahw wajib hoga


Question:-

Assalamualaikum Hazrat,

Agar Koi Shaadat hai jo logon ko Murid bhi banate hai,

Unki Mehfil me Shayar(Qawwal) Kufriya share ya Qawwali padhta hai jaise ki "Teri pooja Karun" , "Tujhko Sajde Kiya Karu" lekin Wo Shaadat us Shayar ko Rokte ya Tambeeh nahi karte,

Aas pas Bethe Hue Murid Sub'hanallah keh rahe hai Nazraane de rahe hai Shayar ko.

To ab Un Shaadat ki Taazim ki jayegi ya nahi..?

Baraye Karam Rehnumaai Farmaye..


Answer:-

Kufriya jumle ko sun kar Us par Raazi hona Aur Daad o tahseen dena kufr hai. agar waaqai wo Shaks Kufria Jumla jaante hue us par raazi hue to un par tauba o tajdeed e iman lazim hai. Logo ko chahiye k unhe Hukm e shara se aagaah kiya jaaye.


Question:-

السلام عليكم ورحمة الله وبركاته

Hazrat ...Zakaat k mutaaliq sawal h 

Zaid ne ek Ghar kharida 22 lakh me as a investment lete waqt niyyat ye thi k rate badhege to bhech dege abhi bhi wahi iraada h 

Filhaal 3 saal se wo ghr 8000/- rupees rent pe diya hua h filhaal ghr ki qeemat 33/34 lakh h To zaid ko is ghr pr Zakaat Kis tarah nikalni h 

(1) 8000✖12= 96000

(2) 34 lakh moujooda qeemat pe 

Baraye Maherbani jawab inayat farmaye


Answer :-

Jo ghar ki maujooda qeemat us ke hisaab se zakaat nikaale Aur saal pura hone par jitni raqam us k paas ho chahe kiraaye se aayi ho ya kisi aur tareeqe se us ki zakaat bhi nikaale.


Question:-

Sukanya Samriddhi ye Government Scheme hai Ladkiyo k liye jinki umar 10 saal ya usse kam hai wo ye scheme le sakte hai. Isme 1000 rupay se 1.5 lac tak har saal jama karna hota hai jab tak ladki ki umar 21 saal na hojaye aur 18 saal ki umar se pehle aap paise nikaal nahi sakte. Government isme pukhta /fixed interest nahi deti, interest kissi saal kam ya to kabhi zyada milega. Sawaal hai k kya hum ye scheme le sakte hai??


Answer :-

Agar is me paise doobne ka andesha nahi hai balke faayeda yaqeeni hai aur har saal paise jama karne par qudrat rakhta hai to aisi scheme ka istemaal kar sakta hai


Question:-

Isha ki namaz agar jamat se na padhe aur witr ki namaz ko jamat k sath padhe to kya hukm h is namaz ka?

Witr ki namaz ko ramzan me hi jamat k sath kyu padha jaata h?


Answer:-

Witr Ki Namaz Isha ke farz k taabe hai lehaza Farz jamaat se na parha to witr bhi tanha parhe. Agar jamaat se parh liya to Namaz ho gayi magar tanha parhi jaaye.  

Ramzan me witr ki jamaat Saabit hai.

Question:-

Mere Shohar ki khala wahabi se nikah ki Aur wahabiyat par 30 se chal rahi hai, mere shohar se Un se Talluk rakh na kaisa hai, Un ki khala Un ko Gumrah Karne ke liye kahati hai ke ham Sunni ho gaye hai par Gairo se pata Chalta hai ke woh ab Bhi wahabi ke Jama'At me Aate jaate hai


Jawaab:-

Jab woh wahabio se mel jol Aur Rishtedari rakhti hai to us se Talluq rakhna Naa jaayez O Gunah Hai Aur us se doori rakhna lazim hai 


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